Saturday, April 14, 2012


निर्मल बाबा का चमत्कार......है.....या फिर देश की भावुक जनता पर निर्मल बाबा का अत्याचार

 बाबा के थिएटर में बड़ी भीड़ थी. लोग रो रहे थे. एक महिला उठी और बोली की बाबा कल मै
रात को पार्टी में गयी थी और जब पार्टी से वापस लौटने लगी तो देखा की मेरी गाडी की चाभी
खो चुकी थी,  मै परेशां हो गयी, लेकिन तभी मैंने आपका स्मरण किया और कुछ ही देर में 
एक लड़का मेरी चाभी लेकर गयाबाबा ऐसी कृपा बनाये रखना.
 बाबा बोले ये सब तो ठीक है..  ये गोलगप्पे कहा से रहे हैं? कितने दिनों से गोलगप्पे नहीं खाए ? आज जाकर गोलगप्पे खाना कृपा हो जाएगी (बाबा गोलगप्पे के भी स्टार प्रचारक हैं)
एक व्यक्ति भीड़ के बीच से उठा और बोला बाबा मेरे घर में शिव,पार्वती,हनुमान,राम,सीत,काली और लक्ष्मी की मूर्तियाँ हैं.
बाबा बोले - काली को घर से बाहर निकाल दो कृपा हो जाएगी और ये बीडी का क्या मामला है कब से नहीं पी ? रोज़ - पिया करो  कृपा हो जाएगी (बाबा ने काली को तो निकालने के लिए बोल दिया और लक्ष्मी के लिए क्यों नहीं बोला)  
एक बुज़ुर्ग उठा और रोने लगा बाबा मेरी लड़की की शादी होनी थी और अचानक मेरे घर में चोरी हो गयी, शादी रुक गयी. मैंने आपका स्मरण किया और शादी हो गयी कृपा बना के रखना.
बाबा बोले तुम्हारी हरी कमीज़ अलमारी में क्या कर रही है ? उसको पहन कर हनुमान जी के दर्शन करो कृपा हो जायेगी.
अब बाबा बोले सब अपना पर्स खोल दो, पर्स का मुह मेरी तरफ कर दो, जिस के पास १० रूपये वाला पर्स है उसके पास लक्ष्मी नहीं आएगी इसलिए १०० रुपये वाला पर्स लो कृपा हो जाएगी. (बाबा बने पर्स के स्टार प्रचारक)
 भोली जनता पी एन बी में लाइन लगा कर खड़ी है कोई समागम के टिकट ले रहा है तो कोई दस्वंद भेज रहा है..अरे आखिर ये है क्या माजरा किसी गरीब को पेट भर खाना दे दो, किसी असहाय का इलाज़ करवा दो, किसी अनाथ आश्रम में दान दे आओ तो कृपा बने . ऐसे अर्जी-फर्जी बाबा जो शकल से बाबा कम धूर्त और व्यापारी ज्यादा लगते हों इनसे तौबा करो और पूजा की अध्यात्मिक पध्धति से विरक्त मत बनो.
इश्वर सर्वव्याप्त है. उस इश्वर की कृपा पाने के लिए ऐसे ढोंगी बाबाओं का सहारा लेना किसी बेवकूफी से कम नहीं है इसलिए ऐसे बाबाओं के चंगुल में जान बूझ कर अपनी गर्दन फ़साना समझदारी नहीं.....

5 comments:

  1. सार्थक लेख के लिए आभार

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  2. मदन जी सबकी अपनी अपनी आस्था है , चाहे वो किसी भी रूप में किसी से जुड़ कर परमात्मा को स्मरण करता हो........

    http://naritusradhahai.blogspot.in/

    इस ब्लॉग पर नारी से सम्बन्धित उसके विचारों को प्रस्तुत करने की आज़ादी जिसमे नारी की सोंच विचार उसकी खुशियाँ,घुटन और समाज से क्या लिया इन सभी को अपनी रचनाओं यथा कविता ,ग़ज़ल, कहानी, लेखों के जरिये लिख सकती हैं (सकते) हैं नारी मन का विश्लेषण एक नारी अच्छी तरह कर सकती है फिर भी आप जो भी लिखें वो महिला को आहत करनेवाले रचनाएँ ना हों , ना ही भद्दे शब्दों से बंधे जो महिला की छवि को ख़राब करते हों......आपके विचारों की प्रतीक्षा सादर .............रजनी नैय्यर मल्होत्रा

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  3. रजनी जी आपकी बातों से सहमत हूँ मेरा उद्देश्य सिर्फ गलत बातों का विरोध करना है ...यदि हम अपने धर्म में व्याप्त गलत बातो का दूर करेंगे तो कौन करेगा ..हम हिन्दू सिर्फ अच्छाई को ही पूजते हैं |हम इस अच्छाई को पूजा के हर स्वरुप में तलाशते हैं | इसके पीछे की कहानियों की परवाह नहीं करते इस प्रकार की पूजाओं की उत्पत्ति कैसे हुई और उनके पीछे क्या षड्यंत्र है , इस बारे में भी नहीं विचारते और अच्छाई ढूंढते रहते हैं| झूठे गुरु के कारनामों से हिन्दू धर्म का कोई वास्ता नहीं है | इसके विपरीत, उसके दुष्कृत्यों के लिए उसे निन्दित किए जाने की वास्तविकता से यह प्रकट होता है कि इस तरह के विकारों का हिन्दू धर्म में कोई स्थान नहीं है |

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  4. बहुत सटीक आलेख...हमारे अन्धविश्वास का फायदा उठाने के लिये आज न जाने कितने बाबा लाइन में लगे हुए हैं. और हम जानबूझकर उनके चंगुल में फंसते रहते हैं. अगर हम ईश्वर और अपने कर्मों पर विश्वास रखें तो हमें किसी बिचोलिये बाबा की जरूरत नहीं है.

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  5. मदन जी
    नमस्कार !
    @ कैलाश जी से सहमत हूँ हम जानबूझकर ऐसे बाबाओ के चंगुल में फंसते रहते हैं. बहुत सटीक आलेख....!

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