Saturday, September 24, 2011



"निन्दन्तु नीति निपुणा यदिवा स्तुवन्तु ,लक्ष्मी समाविशतु ,गच्छतु वा यथेष्ठटम ,
अद्यैव मरण मस्तु युगंतारेव ,न्यायात प्रविचलन्ति .पदम्  धीरः 
"                                                    
लोग निंदा करें या स्तुति करें ,धन आवे या हम कंगाल हो जाएँ .
अभी मर जाएँ या युगों के बाद मर जाएँ ,
लेकिन सत्य के मार्ग से विचलित नहीं हो सकते .


आप खुद हिसाब लगाइएपेट्रोल की कीमत-

भाइयो,
तेल कंपनियों द्वारा 15  अगस्त को तेल का दाम घटाने की बात कही गयी थी. 

आज मिडिया तेल का दाम बढ़ाने के लिए माहौल तैयार कर रही है जिससे की तेल का दाम घटाने
का दबाव न बन पाए,
देश की इस नाकारा सरकार  ने बहुत बड़ी लूट मचा रखी हैपता नहीं इस देश का क्या होगा....????
आप खुद हिसाब लगाइएपेट्रोल की कीमत कितनी  होनी चाहिए ?

यह सरकार इसे 74  रुपये प्रति लीटर में क्यों बेचना चाहती हैयह फालतू पैसा कहाँ ज़ा रहा है?
                                            
पहले जानिए फिर मानिये  --

पहले क्रूड आयल का दाम था  86 डालर प्रति बैरल,
1  डालर = 47  रुपये तथा  1  बैरल = 159  लीटर अर्थात  एक लीटर का दाम=25.42 रुपये प्रति लीटर
भारत में रिफाइनिंग खर्च है=

 प्लांट खर्च-5.45  रुपये,
 चालू खर्च-0.55 रुपये अर्थात  पूरा खर्च=6.00  प्रति लीटर         
(अमेरिका में यह खर्च आता है 14 सेंट अर्थात  6.57 रुपये)
 ढुलाई खर्चा अधिकतम 6.00 प्रति लीटर 

गुजरात में तो यह खर्च रुपये के आसपास है.
पेट्रोल पम्प मालिक का कमीशन -1.50  रुपये  अधिकतम
अब पूरा खर्चा--
क्रूड आयल= 25.42.
रिफाइनिंग खर्चा=6.00,
ढुलाई खर्चा = 6.00 
कमीशन =1.50 
पेट्रोल की कीमत हुई = 37 .92  प्रतिलीटर अधिकतम  

इसे तीन रुपये और जोड़कर दाम बढ़ाकर इसे 71 रुपये से 74  रुपये तक ले जाने की क्या आवश्यकता है
और ये बाकी का 36.08  रुपये किस कोष में ज़ा रहा है.
38  रुपये की चीज को 74  रुपये में बेचने का क्या औचित्य है?

जब क्रूड आयल 147  डालर प्रति बैरल था तब कंपनिया कह रही थी की उनको 7.00 रुपये प्रतिलीटर का घाटा हो रहा है
अब क्रूड आयल की कीमत घट कर 86  रुपये प्रति बैरल हो गया  है तो घाटा क्यों हो रहा है?
तब पेट्रोल की कीमत 57 रुपये थी आज 57 रुपये से  बढ़ के  71  रुपये हो गया  है.
ये कैसी हेरा फेरी है?
जनता का खून चूसकर उद्योगपतियो को  क्यों  फायदा दिया ज़ा रहा है?
इसका  जबाब कौन देगा- सोनियाराहुल या मन मोहन  सिंह......???????



28 comments:

  1. aapne sahi likha hai ...जनता का खून चूसकर उद्योगपतियो को क्यों फायदा दिया ज़ा रहा है?
    इसका जबाब कौन देगा- सोनिया, राहुल या मन मोहन सिंह......????

    ReplyDelete
  2. यह सरकार वास्तव में जनता का विश्वास कब का खो चुकी है.
    आपने झूँठ और फरेब का अच्छा पर्दाफाश किया है.

    ReplyDelete
  3. कमर तोड़ दी है इस महँगाई ने आम आदमी की!

    ReplyDelete
  4. याद मत दिलाइए...याद करके दिल घबराता है...

    ReplyDelete
  5. दीप्ती शर्मा जी,राकेश कुमार जी तथा शास्त्री जी यहाँ आने के लिए आप का धन्यवाद
    आप सब भी अच्छा कार्य कर रहे है बस आज जरुरत है हमें मिल के साथ चलने की, एक विचार होने की,
    मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..........

    ReplyDelete
  6. डा (मिस ) शरद सिंह जी आप से अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है यहाँ आने के लिए आप का धन्यवाद !
    मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..........

    ReplyDelete
  7. इस चक्की में सिर्फ़ वही पिसने वाला है जो ईमानदार है !!

    ReplyDelete
  8. मदन जी ,
    बहुत सटीक आंकड़े प्रस्तुत किये हैं। लोगों में जागरूकता भी जरूरी है । जब तथ्यों का ज्ञान नहीं होता तो लडाई की गति भी धीमी पड़ जाती है। मुझे तो बस हर तरफ लूट ही दिखाई पड़ती है। सात्ताधारियों के ऊपर ३४ और ७४ से कोई फरक तो पड़ता नहीं इसलिए वे आम जनता के दुःख दर्द से तसस्थ रहते हैं। लेकिन इन बढती कीमतों से मिडिल क्लास आदमी बुरी तरह त्रस्त है।

    ReplyDelete
  9. बहुत सच कहा है...आम जनता के दर्द की किसे चिंता है..बहुत सटीक आलेख.

    ReplyDelete
  10. सच्चाई को आपने बड़े ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! उम्दा आलेख!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    ReplyDelete
  11. इसी को तो कहते है हमारा देश महान लेकिन संतरी से लेकेर मंत्री बेईमान

    ReplyDelete
  12. नवरात्री की हार्दिक शुभ कामनाएं !!!

    ReplyDelete
  13. सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय !!!!!

    ReplyDelete




  14. आपको सपरिवार
    नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !

    -राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  15. बढ़िया लिखा है .शक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  16. चुकि भाजपा मे भी भष्ट्रा ळोग ह इसळीये हम कागँरेसीयो को इस देश को ळृट कर खा जाने की पूरी छूट ह | हम तो धरती पर पैदा हि ईसलीये हुये ह कि हमे इस देश को ळूट के खाना ह ओर इस देश के गरीबौ का सारा खॄन पीकर मौज उडानी ह हा हा

    ...... हम कागँरेसी

    ReplyDelete
  17. आपने सही लिखा मदन जी, कांग्रेस को यही ख़तरा है की अब कांग्रेस का अंतिम समय चल रहा है,इसलिय कांग्रेस चाहती है कि जहा तक कुर्सी पर है,जब तक लूट लो,इसलिय सब देश को लूटने मे लगे है

    ReplyDelete
  18. आदरणीय मदन जी नमस्ते ! आपने ठीक लिखा है हमें जागरूक होने की जरुरत है ..

    ReplyDelete
  19. चन्दन की खुशबु रेशम का हार ,
    सावन की सुगंध बारिश की फुहार ,
    राधा की उम्मीदे कन्हैया का प्यार .
    मुबारक हो आपको नवरात्रि का त्यौहार

    ReplyDelete
  20. बहुत सटीक आंकड़े दिए है आपने इस तेल के खेल के.
    आपने मंत्रियों का कमीशन तो जोड़ा नहीं.
    तभी फरक आ रहा है.

    ReplyDelete
  21. बहुत उपयोगी जानकारी आपने दी है भाई आभार !
    ये सब कमीसन की लीला है ये नेता तो देश भी बेच सकते हैं

    ReplyDelete
  22. जी हाँ मदन जी इतनी उपयोगी जानकारी के लिए आपका आभार !

    ReplyDelete
  23. इसी को तो कहते है हमारा देश महान लेकिन संतरी से लेकेर मंत्री बेईमान.
    बहुत सटीक आलेख.

    ReplyDelete
  24. बहुत बहुत आभार .......

    ReplyDelete
  25. सटीक विश्लेषण है....... यह सरकार आमजन की सोच ही कहाँ रही है......

    ReplyDelete
  26. प्रिय मदन भाई सुन्दर जानकारी और विश्लेषण ....जबाब देने के लिए हैं न बोलेंगे और फिर क्षमा मांग लेंगे ..अंग्रेजी में कोई हिंदी में ...जबाब देहि समझें तब न .. आप सपरिवार और हमारे सभी मित्र मण्डली को भी नवरात्री और विजय दशमी की ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  27. सुन्दर जानकारी....बहुत सटीक आलेख.

    ReplyDelete
  28. सच कहा है
    बहुत बहुत आभार .......

    ReplyDelete