"निन्दन्तु नीति निपुणा यदिवा स्तुवन्तु ,लक्ष्मी समाविशतु ,गच्छतु वा यथेष्ठटम ,
अद्यैव मरण मस्तु युगंतारेव ,न्यायात प्रविचलन्ति .पदम् न धीरः
"
लोग निंदा करें या स्तुति करें ,धन आवे या हम कंगाल हो जाएँ .
अभी मर जाएँ या युगों के बाद मर जाएँ ,
लेकिन सत्य के मार्ग से विचलित नहीं हो सकते .
आप खुद हिसाब लगाइए, पेट्रोल की कीमत-
भाइयो,
तेल कंपनियों द्वारा 15 अगस्त को तेल का दाम घटाने की बात कही गयी थी.
आज मिडिया तेल का दाम बढ़ाने के लिए माहौल तैयार कर रही है जिससे की तेल का दाम घटाने
का दबाव न बन पाए,
देश की इस नाकारा सरकार ने बहुत बड़ी लूट मचा रखी है, पता नहीं इस देश का क्या होगा....????
आप खुद हिसाब लगाइए, पेट्रोल की कीमत कितनी होनी चाहिए ?
यह सरकार इसे 74 रुपये प्रति लीटर में क्यों बेचना चाहती है, यह फालतू पैसा कहाँ ज़ा रहा है?
पहले जानिए फिर मानिये --
पहले क्रूड आयल का दाम था 86 डालर प्रति बैरल,
1 डालर = 47 रुपये तथा 1 बैरल = 159 लीटर अर्थात एक लीटर का दाम=25.42 रुपये प्रति लीटर
भारत में रिफाइनिंग खर्च है=
प्लांट खर्च-5.45 रुपये,
चालू खर्च-0.55 रुपये अर्थात पूरा खर्च=6.00 प्रति लीटर
(अमेरिका में यह खर्च आता है 14 सेंट अर्थात 6.57 रुपये)
ढुलाई खर्चा अधिकतम 6.00 प्रति लीटर
गुजरात में तो यह खर्च 4 रुपये के आसपास है.
पेट्रोल पम्प मालिक का कमीशन -1.50 रुपये अधिकतम
अब पूरा खर्चा--
क्रूड आयल= 25.42.
रिफाइनिंग खर्चा=6.00,
ढुलाई खर्चा = 6.00
कमीशन =1.50
पेट्रोल की कीमत हुई = 37 .92 प्रतिलीटर अधिकतम
इसे तीन रुपये और जोड़कर दाम बढ़ाकर इसे 71 रुपये से 74 रुपये तक ले जाने की क्या आवश्यकता है
और ये बाकी का 36.08 रुपये किस कोष में ज़ा रहा है.
38 रुपये की चीज को 74 रुपये में बेचने का क्या औचित्य है?
जब क्रूड आयल 147 डालर प्रति बैरल था तब कंपनिया कह रही थी की उनको 7.00 रुपये प्रतिलीटर का घाटा हो रहा है
अब क्रूड आयल की कीमत घट कर 86 रुपये प्रति बैरल हो गया है तो घाटा क्यों हो रहा है?
तब पेट्रोल की कीमत 57 रुपये थी आज 57 रुपये से बढ़ के 71 रुपये हो गया है.
ये कैसी हेरा फेरी है?
जनता का खून चूसकर उद्योगपतियो को क्यों फायदा दिया ज़ा रहा है?
इसका जबाब कौन देगा- सोनिया, राहुल या मन मोहन सिंह......???????
aapne sahi likha hai ...जनता का खून चूसकर उद्योगपतियो को क्यों फायदा दिया ज़ा रहा है?
ReplyDeleteइसका जबाब कौन देगा- सोनिया, राहुल या मन मोहन सिंह......????
यह सरकार वास्तव में जनता का विश्वास कब का खो चुकी है.
ReplyDeleteआपने झूँठ और फरेब का अच्छा पर्दाफाश किया है.
कमर तोड़ दी है इस महँगाई ने आम आदमी की!
ReplyDeleteयाद मत दिलाइए...याद करके दिल घबराता है...
ReplyDeleteदीप्ती शर्मा जी,राकेश कुमार जी तथा शास्त्री जी यहाँ आने के लिए आप का धन्यवाद
ReplyDeleteआप सब भी अच्छा कार्य कर रहे है बस आज जरुरत है हमें मिल के साथ चलने की, एक विचार होने की,
मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..........
डा (मिस ) शरद सिंह जी आप से अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है यहाँ आने के लिए आप का धन्यवाद !
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..........
इस चक्की में सिर्फ़ वही पिसने वाला है जो ईमानदार है !!
ReplyDeleteमदन जी ,
ReplyDeleteबहुत सटीक आंकड़े प्रस्तुत किये हैं। लोगों में जागरूकता भी जरूरी है । जब तथ्यों का ज्ञान नहीं होता तो लडाई की गति भी धीमी पड़ जाती है। मुझे तो बस हर तरफ लूट ही दिखाई पड़ती है। सात्ताधारियों के ऊपर ३४ और ७४ से कोई फरक तो पड़ता नहीं इसलिए वे आम जनता के दुःख दर्द से तसस्थ रहते हैं। लेकिन इन बढती कीमतों से मिडिल क्लास आदमी बुरी तरह त्रस्त है।
बहुत सच कहा है...आम जनता के दर्द की किसे चिंता है..बहुत सटीक आलेख.
ReplyDeleteसच्चाई को आपने बड़े ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! उम्दा आलेख!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
इसी को तो कहते है हमारा देश महान लेकिन संतरी से लेकेर मंत्री बेईमान
ReplyDeleteनवरात्री की हार्दिक शुभ कामनाएं !!!
ReplyDeleteसत्य सनातन वैदिक धर्म की जय !!!!!
ReplyDelete♥
ReplyDeleteआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बढ़िया लिखा है .शक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.
ReplyDeleteचुकि भाजपा मे भी भष्ट्रा ळोग ह इसळीये हम कागँरेसीयो को इस देश को ळृट कर खा जाने की पूरी छूट ह | हम तो धरती पर पैदा हि ईसलीये हुये ह कि हमे इस देश को ळूट के खाना ह ओर इस देश के गरीबौ का सारा खॄन पीकर मौज उडानी ह हा हा
ReplyDelete...... हम कागँरेसी
आपने सही लिखा मदन जी, कांग्रेस को यही ख़तरा है की अब कांग्रेस का अंतिम समय चल रहा है,इसलिय कांग्रेस चाहती है कि जहा तक कुर्सी पर है,जब तक लूट लो,इसलिय सब देश को लूटने मे लगे है
ReplyDeleteआदरणीय मदन जी नमस्ते ! आपने ठीक लिखा है हमें जागरूक होने की जरुरत है ..
ReplyDeleteचन्दन की खुशबु रेशम का हार ,
ReplyDeleteसावन की सुगंध बारिश की फुहार ,
राधा की उम्मीदे कन्हैया का प्यार .
मुबारक हो आपको नवरात्रि का त्यौहार
बहुत सटीक आंकड़े दिए है आपने इस तेल के खेल के.
ReplyDeleteआपने मंत्रियों का कमीशन तो जोड़ा नहीं.
तभी फरक आ रहा है.
बहुत उपयोगी जानकारी आपने दी है भाई आभार !
ReplyDeleteये सब कमीसन की लीला है ये नेता तो देश भी बेच सकते हैं
जी हाँ मदन जी इतनी उपयोगी जानकारी के लिए आपका आभार !
ReplyDeleteइसी को तो कहते है हमारा देश महान लेकिन संतरी से लेकेर मंत्री बेईमान.
ReplyDeleteबहुत सटीक आलेख.
बहुत बहुत आभार .......
ReplyDeleteसटीक विश्लेषण है....... यह सरकार आमजन की सोच ही कहाँ रही है......
ReplyDeleteप्रिय मदन भाई सुन्दर जानकारी और विश्लेषण ....जबाब देने के लिए हैं न बोलेंगे और फिर क्षमा मांग लेंगे ..अंग्रेजी में कोई हिंदी में ...जबाब देहि समझें तब न .. आप सपरिवार और हमारे सभी मित्र मण्डली को भी नवरात्री और विजय दशमी की ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं
ReplyDeleteभ्रमर ५
सुन्दर जानकारी....बहुत सटीक आलेख.
ReplyDeleteसच कहा है
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार .......