सत्य ही धर्म है कर्म ही पूजा है
महर्षि दयानंद सरस्वती
कभी नहीं भूलेगी वो काली रात
भ्रष्टाचार तथा काले धन की वापसी के लिए बाबा रामदेव जी ने जो आमरण अनशन किया तथा रात में जिस तरह निर्दोष महिलाओं पुरुषों को भगाने के लिए उन पर बर्बर तरीके से लाठी चार्ज किया गया वो सर्वथा निंदनीय है | कांग्रेस सरकार के इस तानाशाही रवैये तथा उसकी कठपुतली दिल्ली पुलिस के घिनौने हरकत ने आज पुरे देश को ही हिला कर रख दिया है | यहाँ तक की इसकी गूंज अमेरिका तक जा पहुंची है | आज हर तरफ बस यही एक चर्चा है की क्या भारत फिर अंग्रेजों की गुलामी के युग में पहुँच गया है? क्या हमें अपनी बात रखने का भी अधिकार नहीं है ? हर ओर से उठने वाली आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिस क्यों की जा रही है | दिल्ली के रामलीला मैदान की घटना के बाद नागरिक अधिकारों के हनन का मुद्दा भी जुड़ गया है |
यदि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ या भारतीय जनता पार्टी सत्य बातों का समर्थन करें तो क्या वो झूठ में परिवर्तित हो जाएगा ? क्या सिर्फ एक कांग्रेस पार्टी ही सत्य की दावेदार है? बहुत हास्यास्पद लगता है ये सब | माना की बाबा से भी कुछ गलतियां हुईं | क्यों की वो राज नेताओं की तरह छल बल नहीं जानते थे | किन्तु अब इन घटनाओं से वो भी सबक सीखेंगे | आगे इनके आन्दोलन में और भी निखार ही आयेगा |
बहरहाल देश की सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में स्पष्टिकरण मांग कर ये सिद्ध कर दिया है की देश में अभी लोकतंत्र खत्म नहीं हुआ | देश की न्याय पालिका पर कुछ तो भरोसा किया ही जा सकता है | सरकार को तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए | जो काम एक देश के जिम्मेदार सरकार को करना चाहिए वो आज सुप्रीम कोर्ट को करना पड़ रहा है | सरकार पर आज इस घटना से देश का बिश्वास घटा ही है | ये स्थिति कांग्रेस पार्टी के लिए शुभ नहीं है |
जो लोग बाबा को धूर्त पाखंडी तथा ना जाने क्या क्या बता रहे हैं , उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांक के देखना चाहिए | जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दुसरे के घर पर पत्थर नहीं फेकने चाहिए | शायद इन्होने बाबा के विचार ध्यान से नहीं सुने या इनके साहित्य को नहीं पढ़े |
आखिरकार सरकार काले धन और भ्रष्टाचार पर रोक की मांग को सार्वजनिक तौर पर मान कर दोषिओं के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करना चाहती ?इससे तो ये साफ़ होता है की सरकार खुद ऐसे लोगों को बचाने पर तुली है |
हर दिन नये घोटालो से हताश सरकार गुंडई पर उतर आई है | लेकिन जनता के उबाल के सामने इनको झुकना ही पड़ेगा | जो काम विपक्ष का था वो काम अन्ना हज़ारे और बाबा राम देव कर रहे हैं | क्या मतलब है ऐसे लोकतंत्र का जहाँ सत्ता और विपक्ष दोनो बेमानी हो गये हैं | इन भ्रष्ट नेताओ को आम जनता और उनकी समस्याओ से कोई लेना -देना नही है | महात्मा गांधी ने भी तो इसी प्रकार से अनशन करके ही तो अंग्रेज़ों को भारत से बाहर किया था | आज वही कॉंग्रेसी महात्मा गांधी के नाम पर अपनी रोटी सेंकने वाले अनशन करने की अनुमति नहीं दे रही | कितनी हास्यास्पद बात है | वास्तव में भारत अभी ग़ुलाम ही है |
दिल्ली के रामलीला मैदान की घटना के बाद नागरिक अधिकारों के हनन का मुद्दा भी जुड़ गया है |
कांग्रेस का ये आरोप लगाना की बाबा रामदेव के अभियान के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ है | बाबा रामदेव के तार आर एस एस तथा भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं, ये कांग्रेस की बौखलाहट है | हर काम के पीछे इन्हें आर एस एस का भूत दिखाई देता है | ये आरोप लगाने वाले वही लोग हैं जिन्होंने जयप्रकाश जी को सीआईए का एजेंट कहा था | पूरे देश में केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ घृणा का माहौल बना है. लोगों ने देखा कि पुलिस ने किस तरह का बर्बर व्यवहार लोगों के साथ किया, यहाँ तक के बच्चों और महिलाओं के ऊपर भी खुल कर अत्याचार किये गए
आख़िर बात हो रही थी बैंकों में किसका धन जमा है ? कॉंग्रेस को तो इसका जवाब देना ही होगा | जिस समय जनता जागेगी उस समय इस नकारा सरकार को छुपने का स्थान भी नसीब ना होगा | जागृति आना शुरू हो चुका है , अब तो इसका जवाब जनता ही देगी |
आदरणीय मदन शर्मा जी...सच ही है कि देश अभी भी गुलाम है...
ReplyDeleteभाजपा या आर एस एस यदि बाबा का साथ दे रहे हैं तो इसमें गलत क्या है?
दरअसल ये कांग्रेसी डर गए हैं, और डरना भी चाहिए, क्यों कि देश अब जाग रहा है...
मैं भी इस आन्दोलन में शामिल था...मैंने अपने शरीर पर तीन लाठियां खाई हैं...मैंने अपने ब्लॉग पर अपनी आपबीती लिखी है...कृपया एक दृष्टि अवश्य डालें...
http://pndiwasgaur.blogspot.com/2011/06/blog-post_07.html
जो कुछ हुआ वो निंदनीय और शर्मनाक है...... लाख दलीले देकर भी सरकार की कार्यवाही को सही नहीं ठहराया जा सकता..... समसामयिक विवेचन
ReplyDeleteमदन जी मुझे लगता है कि ये भारत की भुलक्कड जनता जल्द ही ये सब भूल जायेगी,
ReplyDeleteअगर नहीं भूलती तो इन्हे बार-बार मौका क्यों मिलता?
दिवस दिनेश गौर जी बहुत सही कहा आपने हमें आप जैसे लोगों पर गर्व होना चाहिए | बाबा ने जो मुद्दा उठाया है वो सारे देश की जनता के हित मे ही तो है..रही बात राजनीति की तो जो ये नेता इतने सालों से देश को लूट खसोट रहे हैं अगर कोई सन्यासी इनके विरुद्ध देश की जनता को जागरूक कर रहा है तो इन्हे क्या दिक्कत हो रही है? बाबा के हीरो बनने मे कांग्रेस को क्या तकलीफ़ हो रही है???...और बाबा ने मीडिया वालों के सामने कहा भी हैं की वो कोई चुनाव नही लड़ेंगे तब इसमे कौन सी ग़लत बात है...ये सरकार धूर्तों की सरकार है...चिठ्ठी वाला कांड तो इन नेताओं की घिनौनी राजनीति है जब इनसे कुछ ना बन पड़ा तो ये चिठ्ठी
ReplyDeleteमीडिया को दिखाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की....एक बात मैं खुद ही देख रहा हूँ की बाबा 2 महीने से कह रहे थे की दिल्ली मे वो सत्याग्रह करेंगे तब सरकार ये कैसे कह सकती है की रामलीला मैदान में सिर्फ योग शिविर होना था??...इतनी घ्रणित और क्रूर कार्यवाही को सरकार ठीक बता रही है |
और मुंबई हमलों का पकड़ा गया एकमात्र आतंकवादी को ये अब तक जिंदा पाल रहे हैं...और सीधी सी बात ये है की जितने मंत्री हैं जितने नेता हैं सबका काला पैसा जमा है तो कोई नहीं चाहेगा की इस तेरह के अनशन हों....क्युकी पोल खुलते ही सब नंगे हो जायेंगे......और बाबा कुछ भी गलत नही कर रहे हैं जब ये नीच देश के नेता बन सकते हैं तो बाबा क्यों नही..?
डॉ॰ मोनिका शर्मा जी तथा जाट देवता जी (संदीप पवाँर) ...आभार | मै आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ ..
ReplyDeleteकांग्रेस सरकार बौखला गयी है और एमेर्जेसी का अघोषित प्रारूप लागु है इस देश पर..
ReplyDeleteअन्ना या रामदेव के प्रसारण बंद करने के लिए मीडिया को सर्कुलर जारी कर दिया गया है...अगर ये इतने ही प्रभावहीन है तो कांग्रेसी डर क्यों रहे हैं..
किस किस से निपटे इन्हें समझ में नहीं आ रहा है..कभी राजा तो कभी कलमाड़ी का घोटाला तो कभी अन्ना और रामदेव का अनसन ..
सरकार की मनसा अनसन पर बैठने से पहले गिरफ़्तारी की थी जो रामदेव ने चिट्ठी दे कर उलझाये रखा दो दिन और देश को कांग्रेसी गद्दारों की जात मालूम हो गयी..
सचमूच यह शर्मनाक धटना है
ReplyDeleteawaaz uthni chahiye ... sahi kaha
ReplyDeletesach main abhi bhi ye janataa jaagrat nahi hui .to isase to angrejon ki gulaami hi achchi thi kam se kam man ko ye santosh to rahataa ki dusare log atyaachaar kar rahe hain per jab apne hi log atyaachaar karane lagen to kya karen.kisase laden kon sunegaa.saarthak lekh.badhaai.
ReplyDeleteआदरणीय मदन शर्मा जी
ReplyDeleteजो हुआ वो निंदनीय और शर्मनाक है....
कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
ReplyDeleteआशुतोष जी इस घटना से कांग्रेस का छल पूरी तरह उजागर हो चुका है भारत के संविधान ने हर भारतीय को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार दिया है. इसे निर्ममता पूर्वक कुचलना कांग्रेस की तानाशाही को ही प्रकट करता है
ReplyDeleteआदरणीय दर्शन कौर धनोए जी सचमूच यह शर्मनाक धटना है जिसे कभी नहीं भुला जा सकता और ना इस सरकार को क्षमा ही किया जा सकता है |
रश्मि प्रभा जी समर्थन करने के लिए आपका आभार
प्रेरणा अर्गल जी तथा संजय भास्कर जी आपका यहाँ आने के लिए तथा अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए आपका आभार ! मै भी आज कल अपने कार्यों में बहुत व्यस्त हूँ बहुत मुश्किल से समय निकल पाता है |
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ReplyDeleteआपकी भावपूर्ण,दिल को कचोटती अनुपम अभिव्यक्ति को मेरा सादर नमन.आभार.
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ReplyDeleteआदरणीय मदन शर्मा जी नमस्ते ! आपकी विचार से पूर्णत: सहमत हूँ...
ReplyDeleteरामदेव चाहे कुछ भी करे लेकिन वो एक भारतीय है और भारत के संविधान ने हर भारतीय को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार दिया है . भरस्टचार मिटाने के लिए सत्याग्रह बहुत अच्छा तरीका है किंतु इस सत्यग्रह मे भाग लेने से पहले हमे अपने अंदर के भ्रास्त इंसान को मारना होगा. आज हर व्यक्ति भरस्टचार मे लिप्त है चपरासी से लेकर प्रधानमंत्री तक. हमे अपना निजी काम करवाने के लिए सरकारी आदमी को रिसवत देनी पड़ती है ओर हम देते भी है. ये ग़लत है. सबसे पहले हमे अपने अंदर से भरस्टचार को मिटाना होगा, देश से तो फिर भरस्टचार अपने आप ही मिट जाएगा. आज के युवा लोगों को जागरूक होना चाहिए.
सप्रीम कोर्ट के आर्डर ने सिद्ध कर दिया है की लोकतंत्र अभी बचा है । पाप का घड़ा भरेगा तो क्रांति आएगी ही । भारत-स्वाभिमान जिंदाबाद !
ReplyDeleteबैंकों में किसका धन जमा है ?
ReplyDeleteकॉंग्रेस को तो इसका जवाब देना ही चाहिए !!
बहुत ही सुन्दर ढंग से विवेचन ! कांग्रेश इस लिए तानाशाह हो गयी है क्यों की मतदान में तीन वर्ष है कोई करेगा क्या ? ...बाबाने अपनी सम्पति भी घोषित कर दी लेकिन कांग्रेस के एक भी नेता अभी तक कोई सम्पति घोषित नहीं किये ! इस शेर बाबा को प्रणाम , जिसने अकेले ही ....अचेत होने तक इन मक्कारों से लड़ते रहें ! शर्म घोल कर पी गए है ! देंखे ये जनता कब जागती है ?
ReplyDeleteमन को उद्वेलित करती बहुत सार्थक पोस्ट...जो कुछ हुआ वह बहुत शर्मनाक था..आभार
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ReplyDeleteआदरणीय मदन शर्मा जी...सच ही है कि देश अभी भी गुलाम है..
ReplyDeleteआपकी रचना आम आदमी का आक्रोश है जो इस दुखद घटना से बुरी तरह आहत और क्षुब्ध है |
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ReplyDeleteSarkar naam ki cheez bhaarat mein nahi hai ab ... bas chor lutere rah gaye hain ...
ReplyDeleteइस प्रकरण ने दो बात सॉफ कर दी है राजनीति एक दलदल है इस नही कूदना चाहिए दूसरा ब्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ मत उठाओ नही तो बर्बाद हो जाओगे .और दुर्भाग्यवश बाबा ने दोनो ग़लतिया कर दी .ये देश हमेशा गुलाम रहा आज भी यहा रोमन हुक्म चला रहे है .आज़ादी से आजतक ये देश गाँधी परिवार की मिल्कियत रहा है और अगे भी रहेगा
ReplyDeleteभविष्य में क्या होगा यह तो वक़्त ही बताएगा, हाँ बाबा ने भारतीय जनमानस को जगा ज़रूर दिया है. ब्रिटिश संसद में भारत की आज़ादी का विरोध करते हुए तत्कालीन ब्रिटिश प्रधान मंत्री वि.चर्चिल ने 1947 में दिए एक भाषण में कहा था, `सत्ता धूर्त, बदमाश तथा मुफ़्तखोरों के हाथ आ जाएगी…यह तिनकों से बने लोग हैं.’ भारत में सबसे खराब दिन वह था जब अँग्रेज़ों ने कांग्रेस को भारत की सत्ता सौंपी थी. नेता जी बोस के गायब होते ही कांग्रेस की बाँछे खिल गयी थी. काश भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे शहीद जिंदा होते तो कांग्रेस की निर्बाध लूट-खसोट न चलती, देश का 1456 बिलियन डॉलर्स काले धन के रूप के पॉलिटिशियन्स और नौकरशाहो का स्विस बैंक में न पहुँच गया होता. अगर देश का नागरिक वर्तमान में जीना जानता तो आज कॉग्रेस अरब सागर की तलहटी में पड़ी सड़ रही होती. एक विदेशी नारी इन ढोरो को न हांक रही होती. और बछड़ा यूँ कुलाचे न भरता.
ReplyDeleteमैने क्या पूरा देश इससे भ्रष्ट , ढोंगी , घोटलेबाज सरकार न देखी होगी न देखेगी|| ईश्वर् इस सरकार को सुमति दे. |बाबा को शत - शत बार नमन
ReplyDeleteएक इंसान जिसने लाखों लोगो को जिंदगी दी आज देश की खातिर मौत से लड़ रहा है शर्म करो सरकार के लोगो शरम करो!
ReplyDeleteगाँधी परिवार जो वास्तव मे नेहरू परिवार है गाँधी जी का मुखौटा लगा कर देश को बेच रहा है.इस गाँधी पेरिवार को अलग कर देने से कॉंग्रेश ख़तम हो जाएगी ,ये जानते है की गाँधी सारनेम (जो की नेहरू का दिया है)लगने से इन्हे देश को लूटने का प्रमाण पत्र मिल गया है...इनको देश से निकल जाना चाहिए....
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ReplyDeleteसामयिक और सार्थक आलेख।
ReplyDeleteराजनीतिज्ञयों को अब सुधरना ही होगा।
देखिए... आगे-आगे होता है क्या....
ReplyDeleteकांग्रेस सरकार बौखला गयी है........वो कहावत सिद्ध होने को है.....विनाशकाले विपरीत बुद्धि कांग्रेस सरकार का विनाश काल आ गया है इसीलिए ये घटना को अंजाम तक लाया उन्होंने ...
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट...जो कुछ हुआ वह बहुत शर्मनाक था..आभार
ReplyDeleteपूनम सिंह जी,दिव्या जी तथा संगीता पुरी जी आपने बिलकुल ठीक कहा | आज देश के हर व्यक्ति को ये संकल्प लेना होगा की ना तो हम भ्रष्टाचार करेंगे ना ही होने देंगे | तभी सच्चे अर्थों में यह आन्दोलन सफल होगा | सप्रीम कोर्ट के आर्डर ने सिद्ध कर दिया है की लोकतंत्र अभी बचा है । आपका यहाँ आने के लिए तथा अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए आपका आभार !
ReplyDeleteachi sarthak post hai .....sahmat hun jokuch hua bahut nindniy tha......
ReplyDeleteजी एन शा जी, कैलाश शर्मा जी , अजय तलवार जी ,. दिगम्बर नासवा जी तथा सुनीता जी आपका यहाँ आने के लिए तथा अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए आपका आभार !
ReplyDeleteभावना प्रधान जी ,आशीष जी , आशा जोगलेकर जी , महेंद्र वर्मा जी तथा डा वर्षा सिंह जी आपका यहाँ आने के लिए तथा अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए आपका आभार !
ReplyDeleteरजनी मल्होत्रा नैय्यर जी , संध्या शर्मा जी तथा सुमन जी आपका यहाँ आने के लिए तथा अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए आपका आभार ! आपका प्रोत्साहन सदैव आवश्यक है ।आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ...........
ReplyDeleteबहुत विचारपूर्ण लेख है.
ReplyDeleteमै आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ ...
baba is not a professional politician .....he may commit small mistakes ....but his intentions are good ...he is on the right track ........he will succede .....
ReplyDeleteआदरणीय मदन शर्मा जी आप मेरे ब्लॉग को Follow कर रहे हैं...मैंने अपने ब्लॉग के लिए Domain खरीद लिया है...पहले ब्लॉग का लिंक pndiwasgaur.blogspot.com था जो अब www.diwasgaur.com हो गया है...अब आपको मेरी नयी पोस्ट का Notification नहीं मिलेगा| यदि आप Notification चाहते हैं तो कृपया मेरे ब्लॉग को Unfollow कर के पुन: Follow करें...
ReplyDeleteअसुविधा के लिए खेद है...
धन्यवाद....
i m happy to see you on my blog..//
ReplyDeleteआतंकी पर प्रीति है ,और संत हित भीत .
ReplyDeleteअब ऐसे चारणों का हम करें भी तो क्या ?इन लोगों की पोल हम धारावाहिक खोलने जा रहें हैं जो संतों पर अस्त्र उठा रहें हैं .हमारे पास वक्त बहुत कम हैं एक दिन में एक ही पोस्ट लगाने का परामर्श भी भाइयों ने दिया है हम चाहतें हमारे अपने ब्लॉग पर आने से पहले एक आदि पोस्ट आप अथिति पोस्ट के रूप मेलागायें यदि सहमत होंवें तब ।
आदर से -दो पोस्ट भेज रहा हूँ अप्रकाशित हैं अभी तक अपने ब्लॉग पर भी नहीं लगाएँ हैं ,ड्राफ्ट सहेज़ा है ।आदर से ,
वीरुभाई .
राजीव गांधी की राजनीति में आत्मघाती गलती क्या था ?खुद को मिस्टर क्लीन घोषित करवाना .इंदिराजी श्यानी थीं उनकी सरकार में चलने वाले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जब उनकी राय पूछी गई उन्होंनेझट कहा यह तो एक भूमंडलीय फिनोमिना है .हम इसका अपवाद कैसे हो सकतें हैं .(आशय यही था सरकारें मूलतया होती ही बे -ईमान और भ्रष्ट हैं ).यह वाकया १९८३ का है जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय केएक ईमानदार न्यायाधीश महोदय ने निराशा और हताशा के साथ कहा था वहां क्या हो सकता है भ्रष्टाचार के बिरवे का जहां सरकार की मुखिया ही उसे तर्क सम्मत बतलाये .यही वजह रही इंदिराजी पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा न ही उन्होंने कभी अपने भ्रष्टाचार और इस बाबत निर्दोष होने का दावा किया .ज़ाहिर है वह मानतीं थीं-"काजल की कोठारी में सब कालेही होतें हैं .ऐसा होना नियम है अपवाद नहीं ।
ReplyDeleteराजीव गांधी खुद को पाक साफ़ आदर्श होने दिखने की महत्व -कांक्षा पाले बैठे थे और इसलिए उन्हें बोफोर्स के निशाने पर लिया गया और १९८९ में उनकी सरकार को खदेड़ दिया गया .जब की इंदिराजी ने खुद को इस बाबत इम्युनाइज़्द ही कर लिया था ,वे आखिर व्यावहारिक राजनीतिग्य थीं ।
राजनीति -खोरों के लिए इसमें यही नसीहतऔर सबक है अगर ईमानदार नहीं हो तो वैसा दिखने का ढोंग (उपक्रम )भी न करो .
लेकिन सोनिया जी ने अपने शोहर वाला रास्ता अपनाया है त्यागी महान और ईमानदार दिखने का .लगता है १९८७-१९८९ वाला तमाशा फिर दोहराया जाएगा .हवा का रुख इन दिनों ठीक नहीं है ।आसार भी अच्छे नहीं हैं .अप -शकुनात्मक हैं ।
राजीव गांधी का अनुगामी बनते हुए और इंदिराजी को विस्मृत करते हुए नवम्बर २०१० में एक पार्टी रेली में उन्होंने भ्रष्टाचार के प्रति "जीरो टोलरेंस "का उद्घोष किया ।
चंद हफ़्तों बाद ही उन्होनें अपना यह संकल्प कहो या उदगार दिल्ली के प्लेनरी सेशन में दोहरा दिया .उन्होंने पार्टी काडर का आह्वाहन किया भ्रष्टाचारियों को निशाने पे लो किसीभी दगैल को छोड़ा नहीं जायेगा . दार्शनिक अंदाज़ में यह भी जड़ दिया भ्रष्टाचार विकास के पंख नोंचता है ।
तब से करीब पच्चीस बरस पहले राजीव गांधी ने भी पार्टी के शताब्दी समारोह में मुंबई में ऐसे ही उदगार प्रगट किये थे ।
अलबत्ता दोनों घोषणाओं के वक्त की हालातों में फर्क रहा है ,राजीव जी के खिलाफ तब तक कोई "स्केम ",कोई घोटाला नहीं था .क्लीन ही दीखते थे वह ।
लेकिन सोनिया जी से चस्पा थे -कोमन वेल्थ गेम्स ,टू जी ,आदर्श घोटाले ।
राजीव जी बोफोर्स के निशाने पर आने से पहले बे -दाग ही समझे गए .लेकिन सोनियाजी की राजनीतिक तख्ती पर सिर्फ कात्रोची ही नहीं लिखा है ,क्वाट -रोची स्विस बेंक की ख्याति वाले और भीं अंकित हैं साफ़ और मान्य अक्षरों में ।
मामला इस लिए भी संगीन रुख ले चुका है एक तरफ विख्यात स्विस पत्रिका और दूसरी तरफ एक रूसी खोजी पत्रकार द्वारा गांधी परिवार के सनसनी खेज घोटालों के खुलासे के बाद सोनिया जी के कान पे आज दो दशक बाद भी जूं भी नहीं रेंगीं हैं ,है सूंघ गया सामिग्री सामिग्री है .साहस नहीं हुआ है उनका प्रतिवाद का या मान हानि के बाबत मुक़दमे या और कुछ करने का .
(ज़ारी ...).
सन्दर्भ -सामिग्री:-
http://www.iretireearly.com/sonia-gandhi-and-congress-secret-billions-exposed.htmlभाई साहब .प्लीज़ रीड थिस लिंक .
वीरुभाई .
- Show quoted text -
नवम्बर १९,१९९१ के अंक में स्विटज़र -लेंड कीएक नाम चीन पत्रिका (स्वैज़र इलस -ट्री -एर्टे) ने तीसरी दुनिया के कोई एक दर्ज़नऐसे राज -नीतिज्ञों का पर्दा फास किया जिन्होनें रिश्वत खोरी का पैसा स्विस बेंक में ज़मा करवा रखा था .इनमें कथित मिस्टर क्लीन भी थे .इस नामचीन पत्रिका की कोई २,१५ ,००० प्रतियां प्रति अंक बिक जातीं हैं .पाठक संख्या स्विटज़र -लेंड की कुल वयस्क आबादी का कोई छटा हिस्सा रहता है लगभग ९,१७,००० प्रति अंक ।
ReplyDeleteके जी बी रिकोर्ड्स के हवाले से बतलाया गया था राजीव की विधवा का यहाँ कोई ढाई अरब फ्रांक (तकरीबन २.२ अरब बिलियन डॉलर्स ) से गुप्त एकाउंट चल रहा है .इनके अल्प -वयस्क पुत्र के नाम से यह खाता ज़ारी था (जो अब कोंग्रेस के राजकुमार हैं )।
बतलाया यह भी गया था यह लेखा अनुमान के मुताबिक़ जून १९८८ से भी पहले से ज़ारी था जब राजीव ने भारी जन समर्थन बटोरा था ।
रुपयों में यह राशि वर्तमान के १०,००० करोड़ आती है .स्विस बेंक में पैसा द्विगुणित होता रहता है ।
लॉन्ग टर्म सिक्युरितीज़ में निवेश करने पर यह २००९ में ही हो जाता ४२,३४५ करोड़ रुपया .अमरीकी स्टोक्स में निवेशित होने पर हो जाता १२.९७ अरब डॉलर (५८ ,३६५ करोड़ रूपये )।
जो हो आज इसगांधी परिवार के खाते की कीमत 4३,००० -८४,००० करोड़ के बीच हो गई है ।
(ज़ारी ...)
सन्दर्भ -सामिग्री :-http://www.iretireearly.com/sonia-gandhi-and-congress-secret-billions-exposed.htm
Gandhi and co .is the title of either post .
ReplyDeleteThanks .You can delete if finds it as scam .
veerubhai .
सचमूच यह शर्मनाक धटना है जिसे कभी नहीं भुला जा सकता और ना इस सरकार को क्षमा ही किया जा सकता है |
ReplyDeleteयदि संघ व भाजपा बाबा रामदेव का साथ दे रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? कहीं ऐसा तो नहीं कि कांग्रेसी यही सोचते हैं कि देश के लिए कोई भी निर्णय लेने का अधिकार केवल कांग्रेस का है
ReplyDeleteहरामी नेताओ ने ऐसे कौन से पाप किए है ,जो इनको कमांडो की ज़रूरत होती है हर महीने लाखो रुपए कमांडो पर खर्च होते है ,वह जनता की कमाई होती है, ओर हरामी जनता के साथ ही ज़ुल्म करते है जैसे जून 4 2011 को किया
ReplyDeleterajpal singh
ये प्रधामंत्री खुद बहुत बड़े मक्कार हैं. ईमानदारी का इतना बड़ा ढोंगी इंसान इतिहास में ढूँढने से भी नही मिलेगा. अपनी संपति को घोषित करते हुए जो मकान की कीमत बताई है वो 10 वर्ष पुरानी कीमत है आज उस मकान की कीमत 10-12 करोड़ होगी जो उन्होने मात्रा 95 लाख ही बताई है. आज सोनिया और राहुल ने सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनीति से ही कैसे करोड़ ओर अरबों रुपये बनाए हैं वो इसका जवाब क्यों नही देते. सभी राजनेताओं को अपने कार्यों का पूरा विवरण देना चाहिए.
ReplyDeleteहम सब को बाबाजी का साथ देना है. वरना हुमारे बाकछे ह्यूम कभी माफ़ नही करेंगे
शर्म से कहना पड़ रहा है कि शर्म करने के लिए हमारे पास कितना कुछ है.
ReplyDeleteआदरणीय मदन भ्राता श्री नमस्कार बेबाक लेख और सुन्दर प्रस्तुति देखिये बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी सुन्दर कहा आप ने निम्न
ReplyDeleteहर दिन नये घोटालो से हताश सरकार गुंडई पर उतर आई है | लेकिन जनता के उबाल के सामने इनको झुकना ही पड़ेगा | जो काम विपक्ष का था वो काम अन्ना हज़ारे और बाबा राम देव कर रहे हैं
-बधाई हो
शुक्ल भ्रमर ५
बहुत विचारपूर्ण लेख है.
ReplyDeleteमै आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ ...
श्री यश पाल जी, डा (Miss) शरद सिंह जी, अजित सिंह तैमुर जी , बबन पाण्डेय जी तथा वीरू भाई जी आपका यहाँ आने के लिए तथा अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए आपका आभार ! आपका प्रोत्साहन सदैव आवश्यक है ।आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ........
ReplyDeleteप्रभा गौतम जी, विनोद चादर मिश्र जी, अमृता तन्मय जी, सुरेन्द्र शुक्ल " भ्रमर जी तथा रचना जी आपका यहाँ आने के लिए तथा अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए आपका आभार ! आपका प्रोत्साहन सदैव आवश्यक है ।आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ........
ReplyDeleteभ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें इसके स्वरूप को समझना पड़ेगा। यह सत्ता की ही बुराई नहीं है, बल्कि एक सामाजिक बुराई भी है। यह हमारी सामाजिक व्यवस्था से निकलता है, इसलिए हमें उसके स्तर पर भी इसका निराकरण करना होगा।
ReplyDeletereally very informative and memorable post.
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पर आते हैं ओर सुन्दर टिपण्णी करके मन प्रसन्न कर देते हैं.यूरोप के टूर पर गया हुआ था,कल ही लौटा हूँ.आपकी पोस्ट पढ़ी.टिपण्णी करने में देरी हुई इसके लिए क्षमा चाहता हूँ.वास्तव में अन्याय हुआ है.जन-जागृति होनी ही चाहिये.जनता के बटें रहने का लाभ सत्ताधारी उठाते ही हैं.
ReplyDeletewaakai, is kaali aur kaayar raat ko koi nahi bhool payega.....
ReplyDeleteमदन जी आपके ब्लॉग पर मैं खुद बहुत लेट पहुंचा हूँ ..अब ज्यादा कुछ नहीं कहूँगा क्योंकी मेरे साथी लोगो ने सब बयां कर दिया है .....इतना ही कहूँगा की यदि एक पिता ने किसी को पैदा किया तो उसकी जिम्मेदारी बनती है की वो संतान का पालन पोषण अच्छी तरह से करे ....अगर वो इसको नहीं निभाता है तो पुत्र को यह पूछने का हक है की अगर पाल नहीं सकते हो तो पैदा क्यों किया किया था ...इसी प्रकार मैं पूछना चाहता हूँ इन से की देश के नागरिको की सेवा नहीं कर सकते तो फिर वोट मागने क्यों आ जाते हो भीख मांगो की तरह ...सरकार खुद पूरी तरह चौर है .......मदन जी आपको ये बताते ही खुसी हो रही है की मैं भारत स्वाभिमान से ३ सालों से जुड़ा हुआ हूँ |और युवा संगठन का दायित्व निभा रहा हूँ ....अप से भी सहयोग की उम्मीद है
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