Tuesday, March 8, 2011


सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति समझनी चाहिए
----महर्षि दयानन्द सरस्वती

वर्तमान समय की आवश्यकता  है की हम पाश्चात्य संस्कृति  के अन्धानुकरण को त्यागकर अपने संस्कार, अपनी संस्कृति को आत्मसात करें लेकिन साथ ही साथ ये भी जरूरी है की जो अच्छी बातें हैं उन्हें अपनाएँ तथा अपने भारत को पतन की ओर अग्रसर होने से रोकें हमारे देश में जो धार्मिक पाखण्ड तथा अंधविश्वास फैला है कृपया ये भी दूर करने की प्रयत्न करें.यही हमारा कर्त्तव्य है इन्सान की ज़िम्मेदारी यह है कि सही रास्ते पर चले लेकिन इन्सान हमेशा सही नहीं हो सकता, मैं भी नहीं
बना कर के खुद को मशाल, दूर करो अँधियारा

जिस देश में भगवद नाम के जप से, सारे  पाप धुल जाते हों
उस देश में बढ़ते पापों पे, छुटकारा पायें, रोक लगाएं हम कैसे
जहां हजारों धर्म गुरु, अपनी दुकाने खोले  बैठे हों
वहाँ एकता की  तानें गुंजायमान बनायें  हम कैसे
जहां हाथों की रेखाएं पढ़ , किस्मत बताएं जाते हों
हाय!  उस देश  के मानव को, कर्म सिखाएं हम कैसे
जहां भक्त  की पुकार सुन, भगवान् खुद दौड़े आते हों
कहो भला उस मानव को, स्वालंबी   बनायें हम कैसे
जिस देश का इश्वर शिव बन के, गांजा, भंग करे सेवन
हाय! उस देश   के प्राणी को, नशा मुक्त बनायें हम कैसे
जहां कृष्ण ग्वाला बन, नित गोपियों संग रास रचाते हो
वहाँ के लोगों के चरित्र को उज्जवल बनायें हम कैसे
जिस देश के हर मोहल्ले में. कोई ना कोई इश्वर हो पैदा
उस देश में सच्चे इश्वर का, हाय!दर्शन पायें हम कैसे
एक दिन के भगवद जागरण से, मोक्ष  द्वार खुल जाते हों
हाय1 वहाँ उस इश्वर का, सच्चा स्वरुप दिखाएँ हम कैसे
जहां इतने शिक्षित हो कर भी, पोंगा पंथी का राज चले
वहां भला  वेदों का ज्ञान,  सबको सुनाएँ हम कैसे
जहाँ साधू सन्यासी बन, नित मुफ्त का मॉल उड़ा रहे
उस कर्महीन  मानव को, कर्मशीलता का पाठ पढ़ायें हम कैसे
अब तो जागो अब तो चेतो शिक्षा का कुछ सदुपयोग करो
कर्मशील मानव बन के इस वसुंधरा का उपभोग करो
कब तक यूँ ही तकते रहोगे कब फैलेगा  वेदों का उजियारा
बना कर के खुद को मशाल,   दूर करो यह अँधियारा



48 comments:

  1. मदन जी,
    आपकी पोस्ट बहुत सुंदर है
    पढ़कर बहुत अच्छा लगा !
    मेरे ब्लॉग पर आने का आभार !

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  2. .

    जहां हाथों की रेखाएं पढ़ , किस्मत बताएं जाते हों
    हाय! उस देश के मानव को, कर्म सिखाएं हम कैसे...

    जन चेतना जगाती , ओज़स्वी रचना के लिए बधाई ।

    .

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  3. आपके ब्लॉग पर तो पहली बार आई, पर बहुत अच्छा लगा. आप अच्छा लिखते हैं.

    'पाखी की दुनिया' में भी तो आइये !!

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  4. "बना करके खुद को मशाल,दूर करो अँधियारा"
    आपने अच्छा प्रेरणापूर्ण लेख लिखा है.कबीरदास जी ने भी कहा है
    'बहुतक पीर कहावते ,बहुत करत हैं भेष
    ये मन कहर खुदाय का ,मारे सो दरवेश'
    जागृति अपने अंदर में ही लानी पड़ेगी हमें.आपसे आशा करता हूँ कि वेदों के पवित्र और व्यावहारिक ज्ञान से भी समय समय पर अवगत कराते रहेंगें.
    आप मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा'आये ,इसके लिए बहुत आभार आपका.

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  5. बहुत ही सुन्दर पोस्ट.
    आभार.

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  6. अब तो जागो अब तो चेतो शिक्षा का कुछ सदुपयोग करो
    कर्मशील मानव बन के इस वसुंधरा का उपभोग करो
    कब तक यूँ ही तकते रहोगे कब फैलेगा वेदों का उजियारा
    बना कर के खुद को मशाल, दूर करो यह अँधियारा
    prernayukt aur joshbhari ,rachna bahut pasand aai

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  7. विश्व में हर मत को मानने वाले श्रद्धालु है और कमज़ोर मानव के लिए, चाहे वे किसी धर्म के हों, श्रद्धा एक सहारा हमेशा रही है ! बेहतर होगा हम अपनी बात कहें मगर अन्यों की मान्यताओं को ठेस न पंहुचाएं ! अगर यह आप मान लें तो आपकी रचना अनुकरणीय है ! शुभकामनायें !

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  8. इतनी सुन्‍दर प्रस्‍तुति के लिये बधाई और शुभकामनाएं ।।

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  9. मदन शर्मा जी,
    आपकी पोस्ट बहुत सुंदर तथा दिल को बुरी तरह झझकोरने वाली है!!
    इतनी सुन्‍दर प्रस्‍तुति के लिये बधाई और शुभकामनाएं!!!
    सतीश सक्सेना जी! क्या कमजोर को मजबूत बनाना हमारा कर्त्तव्य नहीं है? क्या कुवें में गिरे मेढक को बाहर की दुनिया दिखाना उचित नहीं है? क्या उसे कुवें में ही आनंद लेने दें? क्या गलत बात का समर्थन उचित है ? हम कब तक आस्था का सवाल उठा कर इन मुद्दों से अपना मुह मोड़ते रहेंगे. आप न बोलें कोई बात नहीं लेकिन यदि कोई दूसरा बोलता है तो आप उसका खुल के समर्थन तो कर सकते हैं. हमारा कर्त्तव्य है की समाज में फैली बुराइयाँ को दूर करें. यद्यपि मैं उम्र से बहुत छोटी हूँ . शायद मेरा ज्ञान बहुत कम हो इसलिए यदि कोई बात गलत हो तो क्षमा कीजियेगा.

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  10. Poonamsingh ji,
    आप छोटी जरूर हैं लेकिन विचार आपके महान हैं.अच्छे विचार,भाव और कर्म से ही व्यक्ति महान बनता है.लिखना प्रारम्भ
    कीजिये आप भी.ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है.वास्तव में तो पहले हमे खुद की कमजोरी को ही दूर करना होगा.वर्ना तो
    'पर उपदेश कुशल बहुतेरे' वाली बात हो के रह जाती है.

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  11. सार्थक और प्रभावी पोस्ट..... आभार ...

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  12. मदन जी,
    आपके काव्यात्मक विचार पढ़कर बहुत अच्छा लगा !

    मेरे ब्लॉग पर आने का हार्दिक आभार !

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  13. आप अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र है , आप अपनी मान्यताओं की विशेषताएं बताएं मगर मेरी श्रद्धा का मज़ाक बनाने का आपका कोई हक़ नहीं !

    ऐसा करके आप सिर्फ अपनी मान्यताओं को कमज़ोर करेंगे ! पूरे विश्व में सिर्फ आपकी मान्यताएं ही नहीं मानी जाती ! हमें एक दूसरे का सम्मान करना आना चाहिए ! बस मेरा यही कहना है !

    जहाँ तक मेरी बात है मैं इन मान्यताओं का सम्मान करता हूँ !
    शुभकामनायें आपको !

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  14. आदरणीय सुमन जी, दिव्या जी, गुरु तुल्य राकेश जी, प्यारी बिटिया पाखी जी, अनाम सेज बोब,
    ज्योति सिंह जी, सतीश जी, सोनू जी, पूनम सिंह जी, डाक्टर मोनिका शर्मा जी, रश्मि प्रभा जी,
    सु श्री डाक्टरशरद सिंह जी तथा सुरेन्द्र सिंह जी मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..............

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  15. श्रीमान सतीश सक्सेना जी ........
    यदि मेरे मेरे लेखों से आपके दिल को ठेंस पहुची है तो इसके लिए
    मैं क्षमा प्रार्थी हूँ. मेरे लेखों का उद्देश्य किन्ही भी महापुरुषों की
    हंसी उड़ाना नहीं था. मेरे भी दिल में इनके प्रति पूरी इज्ज़त है. मै
    सिर्फ उन गलत बातों के खिलाफ हूँ जो इन महापुरुषों के नाम पे
    गढ़ी गयी हैं तथा जो इनकी इज्ज़त को शर्मशार करती हैं. मर्यादा
    पुरुषोत्तम श्रीराम, योगीराज श्री कृष्ण जैसे महापुरुष ही तो हमारे
    प्रेरणास्रोत्र हैं. वह परमात्मा जो सारे संसार का कल्याण करता है
    तथा उसके इसी गुण के कारण ही उसे शिव कहा गया है. क्या आपने
    शिव पुराण का अध्यन किया है? उसमे इतनी अश्लील बातें लिखी हैं
    जो की यहाँ पे कहने लायक नहीं हैं. क्या कोई भी प्रबुद्ध व्यक्ति इनसे
    सहमत हो सकता है? जो देवी मां सारे संसार की आधार हैं क्या उनके
    नाम पे हजारों मूक पशुओं की बलि चढाने को आप किसी भी तरह
    आप उचित ठहरा सकते हैं. जरा स्थिर मन से सोचिये.........
    यह विषय इतना गहरा है की थोड़े से शब्दों में इसका जबाब नहीं दिया
    जा सकता. अगले किसी पोस्ट में मैं इसका पूरा स्पष्टीकरण देने की कोशिस
    करूँगा. पुनः क्षमा प्रार्थना के साथ मेरे पोस्ट पे आने तथा अपना
    बहुमूल्य सुझाव देने के लिए आपका धन्यवाद.

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  16. आपके काव्यात्मक विचार पढ़कर बहुत अच्छा लगा| धन्यवाद|

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  17. अब तो जागो अब तो चेतो शिक्षा का कुछ सदुपयोग करो
    कर्मशील मानव बन के इस वसुंधरा का उपभोग करो
    कब तक यूँ ही तकते रहोगे कब फैलेगा वेदों का उजियारा
    बना कर के खुद को मशाल, दूर करो यह अँधियारा

    वाह, ओजस्वी और प्रेरणादायी इस रचना के लिए साधुवाद।

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  18. जिस देश का इश्वर शिव बन के, गांजा, भंग करे सेवन
    हाय! उस देश के प्राणी को, नशा मुक्त बनायें हम कैसे
    जहां कृष्ण ग्वाला बन, नित गोपियों संग रास रचाते हो
    वहाँ के लोगों के चरित्र को उज्जवल बनायें हम कैसे....
    बहुत ही तीखा लेकिन बिलकुल सत्य विचार
    बधाई है आपको!

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  19. मास्टर चैतन्य जी, पाताली दी विलेज, रमेश शर्मा जी, राकेश कुमार जी, महेंद्र वर्मा जी तथा शालिनी जी मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया.
    दिव्या जी, राकेश कुमार जी, पूनम सिंह जी, महेंद्रवर्मा जी, शालिनी जी तथा अन्य साथियों, आप सब ने खुले दिल से समर्थन दे कर मेरे कलम को और ताकत ही प्रदान की है. इसके लिए आप सब का बहुत धन्यवाद ...
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..............

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  20. आपका प्रयास सराहनीय है ..हमें इन संदेशों का अनुसरण करना चाहिए ..शुक्रिया आपका

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  21. आपके व्लाग पर पहली बार आया सुन्दर सारगर्भित पोस्ट पढ़ने को मिली बधाई

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  22. मदन शर्मा जी
    एक बार 'निरामिष'पर भी हो आईये.सुज्ञ जी ने अच्छी पोस्ट लिखी है.

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  23. श्री केवल राम मेरे ब्लॉग पे आके हौसला बढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद .
    आपके ब्लॉग पे जाकर सुखद आश्चर्य हुआ. आपके तथा मेरे विचार लगता है
    बहुत मिलते हैं. जो विषय लेकर मै अगला पोस्ट लिखने जा रहा था आपने उन .
    विचारों को अपने शब्द दे कर अपने ब्लॉग में जगह दी इसके लिए आपको धन्यवाद.
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..............
    आपको, आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!

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  24. श्री केवल राम जी मेरे ब्लॉग पे आके हौसला बढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद .
    आपके ब्लॉग पे जाकर सुखद आश्चर्य हुआ. आपके तथा मेरे विचार लगता है
    बहुत मिलते हैं. जो विषय लेकर मै अगला पोस्ट लिखने जा रहा था आपने उन .
    विचारों को अपने शब्द दे कर अपने ब्लॉग में जगह दी इसके लिए आपको धन्यवाद.
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..............
    आपको, आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!

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  25. श्री सुनील जी बहुत अच्छा लिखते हैं आप.
    आपका मेरे ब्लॉग पे आकर मेरा हौसला बढ़ने का बहुत धन्यवाद.
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..............
    आपको, आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!

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  26. आदरणीय श्री राकेश कुमार जी आपका मेरे प्रति विशेष स्नेह के
    लिए किन शब्दों में आपका धन्यवाद करूँ समझ में नहीं आ रहा.
    आपका मेरे ब्लॉग पे आकर मेरा हौसला बढाने का बहुत धन्यवाद.
    आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..............
    आपको, आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!

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  27. madan ji,
    aapko bhi holi ki hardik shubhkamnaye.........

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  28. आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  29. कृपया जापान के प्रकृतिक आपदा का उपहास उडाने वालों के विरुद्ध मेरा साथ दे इस पोस्ट पर http://ahsaskiparten-sameexa.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

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  30. मदन जी सादर प्रणाम!सबसे पहले होली की शुभकामनाए !आज पहली बार आपके 'घर' पधारी हु मुझे आश्चर्य हे की मै पहले से आपसे परिचित क्यों नही हु --इतनी बेबाक लेखनी मै ने आज तक नही देखी --मुझे ख़ुशी है की कोई तो है जिसकी आवाज मेरे दिल की आवाज बन कर उभरी है मैरी सोच आपकी लेखनी से उभर कर आई है वरना मै कभी भी इतना साहस करके लिख नही पाती --आपकी लेखनी पर मुझे गर्व है सर !
    आप मेरे ब्लोक पर आए या न आए मे हमेशा हाजिर रहगी -इसी वादे के साथ --धन्यवाद !

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  31. आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।

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  32. आपको और सभी ब्लोगर जन को होली के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएँ.

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  33. आपके व्लाग पर पहली बार आया
    सुन्दर सारगर्भित पोस्ट पढ़ने को मिली बधाई
    आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  34. मदन जी सादर प्रणाम!सबसे पहले होली की शुभकामनाए !आज पहली बार आपके 'घर' पधारी हु मुझे आश्चर्य हे की मै पहले से आपसे परिचित क्यों नही हु --इतनी बेबाक लेखनी मै ने आज तक नही देखी --
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  35. मैंने आपके सारे पोस्ट पढ़े अच्छा लगा.
    पूरी नारी जाति महर्षि दयानंद की ऋणी है,
    जिस तरह से उन्होंने नारी के शिक्षा के पक्ष में और नारी के विरुद्ध सड़ी गली अंध परंपरा के विरोध में आवाज उठाई
    उसे भुलाया नहीं जा सकता
    कृपया इसके बारे में भी पूरी जानकारी देने की कृपा करिए

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  36. आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । इश्वर आप के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।

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  37. मदन जी नमस्ते! आपको नमस्ते कहना भूल गयी क्षमा कीजियेगा !!

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  38. होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  39. बहुत सही सन्देश दिया है इस पोस्ट में ...

    होली की हार्दिक शुभकामनायें ...

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  40. श्रीमान मुस्कान जी सुमन जी अहसास की परते समीक्षा श्रीमती दर्शन कौर धनोय जी अमित शर्मा जी आदरणीय राकेश कुमार जी आशीष जी प्रभा गौतम जी पूनम जी तथा दिव्या जी आपका यहाँ पे आने के लिए आभार आप लोगों को भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  41. आपके विचार पढ़कर बहुत अच्छा लगा| धन्यवाद|

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  42. बहुत सही सन्देश दिया है इस पोस्ट में ...

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