प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन निचै
प्रारभ्य विघ्न विह विरमन्ति मध्यमा
विघ्नै पुनः पुनरपि प्रतिहन्य मानः
प्रारभ्य चोत्तमजना न परित्यजन्ति
सामान्य जन्य विघ्नों के आने के डर से कार्य प्रारंभ ही नहीं करते मध्यम प्रकृति के लोग कार्य तो प्रारंभ करते हैं किन्तु विघ्नों के आने पर उसे छोड़ देते हैं लेकिन उत्तम प्रकृति के लोग कार्य प्रारंभ करने के बाद बार बार विघ्नों के आने के बाद भी उसे नहीं छोड़तें अपितु उसे पूरा कर के ही दम लेते हैं
बाबा रामदेव द्वारा जिस तरह भ्रस्टाचार एवं काला धन के विरुद्ध सार्थक रूप से देश व्यापी हड़ताल जन जाग्रति पैदा की गयी वो स्वागत के योग्य थी . ये बात अलग है की कुछ गलतिओं की वजह से यह आन्दोलन सरकार द्वारा निर्ममता पूर्वक कुचल दिया गया . किन्तु मात्र इसी वजह से राम देव जी के महत्व को कम कर के आंका नहीं जाना चाहिए. मै तो बाबा रामदेव जी में महर्षि दयानंद जी का ही स्वरुप देखा करता था . वही ओज पूर्ण वाणी, वही क्रांतिकारी विचार,वही सत्य के प्रति आग्रह ,
जहां महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों से देश को आजाद करने के लिए अनशन व सत्याग्रह का सहारा लिया. वहीँ महर्षि दयानंद ने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए क्रांतिकारीओं की फ़ौज बनाई तथा सरदार भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, राम प्रसाद बिश्मिल, अशफाकुल्ला खान, सुख देव, राजगुरु तथा लाला लाजपत राय जैसे क्रांति वीरो ने इनसे आजादी हेतु प्रेणना ली .
देश में आज भी देश के प्रति समर्पित निष्ठावान इमानदार एवं चरित्रवान लोगों की कमी नहीं है. आवश्यकता है उन्हें तलाशने की, उन्हें एक कुशल शिल्पकार की तरह तराशने की तथा एक सही दिशा देने की . अगर वास्तव में ऐसा हो जाय तो देश का कायाकल्प अवश्य होगा.
हरवंश राय बच्चन ने क्या खूब कहा है __
असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो
क्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष करो मैदान छोड़ न भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
जहाँ तक सिखने का सम्बन्ध है व्यक्ति सफलता से नहीं अपितु असफलता से सीखता है. ह़र असफलता के बाद पुनर्मूल्यांकन का अवसर मिलता है. समस्या आये बिना हम अपना रास्ता नहीं खोजते. समस्याएं ही हमें उपाय खोजने को प्रेरित करती हैं. यदि हम बिना बाधाओं की दूर किये बिना क्षमता और योग्यता का विकास किये थोडा आगे बढ़ जाते हैं तो उसे सफलता तो हरगिज नहीं कहा जा सकता.
आखिरकार बारह दिनों के लंबे संघर्ष के बाद देश की संसद में ‘जनसंसद’ की जय हुई. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में अन्ना हजारे और जनता को शनिवार को ऐतिहासिक जीत मिली. लोकपाल विधेयक में गांधीवादी समाजसेवी की उन तीन शर्तों पर संसद ने सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी जिनकी वजह से सरकार और सिविल सोसायटी के बीच गतिरोध बना हुआ था. संसदीय मंजूरी हासिल कर चुके अन्ना के सुझावों पर आधारित प्रस्ताव को स्थायी समिति के सुपुर्द कर दिया जाएगा ताकि विधेयक में शुमार किए जाने को लेकर आगे की कार्यवाही की जा सके.
आखिरकार बारह दिनों के लंबे संघर्ष के बाद देश की संसद में ‘जनसंसद’ की जय हुई. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में अन्ना हजारे और जनता को शनिवार को ऐतिहासिक जीत मिली. लोकपाल विधेयक में गांधीवादी समाजसेवी की उन तीन शर्तों पर संसद ने सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी जिनकी वजह से सरकार और सिविल सोसायटी के बीच गतिरोध बना हुआ था. संसदीय मंजूरी हासिल कर चुके अन्ना के सुझावों पर आधारित प्रस्ताव को स्थायी समिति के सुपुर्द कर दिया जाएगा ताकि विधेयक में शुमार किए जाने को लेकर आगे की कार्यवाही की जा सके.
सरकार ने प्रस्ताव पर वोटिंग न कराकर टीम अन्ना के साथ एक बार फिर छल किया.
संभवतः कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां नहीं चाहती थीं कि वोटिंग के द्वारा उसे अपना स्टैंड स्पष्ट करना पड़े. वे इस मामले पर भ्रम बनाए रखना चाहती हैं ताकि बाद में अपना रुख बदल सकें फिलहाल तीन मुद्दों पर संसदीय रजामंदी दिखी है-
1. निचली ब्यूरोक्रेसी को लोकपाल के दायरे में लाना.
2. सिटिजंस चार्टर के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए वक्त पर काम करने की शर्त बांधना और
3. राज्यों के लिए लोकायुक्त का भी इसी बिल में इंतजाम करना.
जो भी हो, अब यह देखना चाहिए: बिल ३ माह के अंदर पास हो, कम से कम जन लोकपाल के सभी बिंदु के आधार पर, याने उससे कम तथा उसे काटने वाली कोई बात न आने पाए; यह सबक लोगो को मिल गया है की जागृत रहना है तभी देश सुचारू स्वरूप चल सकता है. जनता को सावधानी के साथ जन लोकपाल बिल के पारित होने तक अन्ना और उनकी टीम के साथ डटे रहना चाहिए. काम अभी अधूरा है इस बार इसे करना हम सबको पूरा है. सत्य परेशान तो हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं ! आख़िर जीत सच की ही होती है हम सब के लिए बड़ी ख़ुशी कि बात है कि आज अन्ना जी और टीम की मेहनत रंग लायी.
1. निचली ब्यूरोक्रेसी को लोकपाल के दायरे में लाना.
2. सिटिजंस चार्टर के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए वक्त पर काम करने की शर्त बांधना और
3. राज्यों के लिए लोकायुक्त का भी इसी बिल में इंतजाम करना.
जो भी हो, अब यह देखना चाहिए: बिल ३ माह के अंदर पास हो, कम से कम जन लोकपाल के सभी बिंदु के आधार पर, याने उससे कम तथा उसे काटने वाली कोई बात न आने पाए; यह सबक लोगो को मिल गया है की जागृत रहना है तभी देश सुचारू स्वरूप चल सकता है. जनता को सावधानी के साथ जन लोकपाल बिल के पारित होने तक अन्ना और उनकी टीम के साथ डटे रहना चाहिए. काम अभी अधूरा है इस बार इसे करना हम सबको पूरा है. सत्य परेशान तो हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं ! आख़िर जीत सच की ही होती है हम सब के लिए बड़ी ख़ुशी कि बात है कि आज अन्ना जी और टीम की मेहनत रंग लायी.
इस देश की जनता ने सरकार को बता दिया क़ि जनता क़ि आवाज़ को कोई नही दबा सकता है चाहे वो सरकार ही क्यों ना हो. लोकतंत्र क़ि विजय हुई है. आख़िरकार सरकार और सांसदों को अन्ना जी क़ि आवाज़ के सामने झुकना ही पड़ा. आइए हम देश से भ्रष्टाचार समाप्त करने का संकल्प करें हम अन्ना जी का ये अनसन कभी नही भूल पाएँगे . आज उनके प्रयास और विश्वास के कारण पूरे देश को एक नयी सोच और दिशा मिली है . उन्होने जनलोकपाल बिल पास करा के देश से भ्रस्टचार कम करने की जो पहल की है वह अतुल्य है. पूरे संसार मे अन्ना जी जैसे विभूति का मिल पाना मुश्किल है
मै अन्ना जी क़ो पूरे सम्मान से सलाम क़रता हु अन्ना जी ने दिखा दिया क़ी सारे भारतवासी एक़जुट है चाहे वो भृष्टाचार क़ा मामला हो या देश क़ी सुरक्षा क़ा अन्ना जी आपक़ो तहे दिल से सलाम. इन महान इंसान के पावन चरनो मे मेरा सत् - सत् नमन्
मदन जी
ReplyDeleteये तो शुरुआत है, अब देखो वापस बुलाने का अधिकार भी मिलता है नही?
कहीं ना कहीं इसमें मिली भगत भी लगती है?
श्रीमान जाट देवता जी नमस्ते!!! मैं समय न मिलने और कुछ व्यक्तिगत कारणों से
ReplyDeleteबहुत ही कम लिख पा रहा हूँ
आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ........
जन संसद की जीत हुई है, बधाई आपको।
ReplyDeleteआदरणीय मदन जी
ReplyDeleteनमस्कार !
आपने सत्य लिखा है
आपके द्वारा दी गई जानकारी काफ़ी हद तक उपयोगी है में इससे पूरी तरह सहमत हू.
कोई भी काम असंभव नहीं है यदि इच्छा शक्ति हो तो मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य हासिल किया जा सकता है .
ReplyDeleteबधाई आपको।
कांग्रेस के दो बुलडॉग दिग्विजय सिंह ओर मनीष तिवारी
ReplyDeleteबच के रहना रे बाबा !!!!!!!!!!
जी हाँ कांग्रेस के दो बुलडॉग दिग्विजय सिंह ओर मनीष तिवारी , पता नही कांग्रेस कियो इनको खुला छोड़ देती है, बाँध के रखो भाई अभी तो भोंक रहे थे बाद में काटना शुरू कर दिया तो इसका कौन जिमेवार होगा !!
ReplyDeleteभ्रष्टाचार से लड़ने के लिये जनता को और अधिक जागरुक बनना होगा
आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है। शुभकामनायें।
उम्दा लेख...एकदम सारगर्भित...
ReplyDeletenice post thank you
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार .......
ReplyDeleteबेहतरीन आलेख। आपके विचार बहुत सुंदर है।
ReplyDeleteबहुत सुंदर पोस्ट!! बधाई
ReplyDeleteNICE POST, THANKS
ReplyDeleteआदरणीय मदन शर्मा जी, इस लेख के लोए आपका धन्यवाद|
ReplyDeleteअन्ना के इस आन्दोलन से देशवासियों में तो आग लग ही गयी है| और तो कोई फर्क पडा नही| लोकपाल का मुद्दा आज भी वहीँ है जहां पहले अनशन के बाद आठ अप्रेल को था|
कुछ न कुछ गड़बड़ तो चल ही रही है| धीरे धीरे बहुत कुछ सामने आएगा|
जीत तो हुयी है लेकिन कहीं कुछ अधूरा सा है। ओजपूर्ण आलेख के लिए आभार।
ReplyDeleteकाम अभी अधूरा है ,सबको करना पूरा है .....मदन जी बहुत सार्थक और विश्लेषण प्रधान पोस्ट ,आगे के लिए आवाहन लिए इस पोस्ट के लिए बधाई.
ReplyDeleteसोमवार, २९ अगस्त २०११
क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?
http://veerubhai1947.blogspot.com/
वाह ...बहुत खूब कहा है ...बेहतरीन आलेख |बधाई |
ReplyDeleteबस ..कहना चाहती हूँ..कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. बाधाओं से ही लड़कर नौका पार होती है. जीत होगी.
ReplyDeleteबेहतरीन आलेख |
ReplyDeleteइस भ्रष्ट सरकार को अपने किये पर कोई शर्म नहीं है|
मदन शर्मा जी, इस लेख के लोए आपका धन्यवाद|
ReplyDeleteजिस तरह से कांग्रेस ने अपनी ग़लत नियत को देखते हुए ग़लत नीति अपना रही है जो आज भी नेहरू परिबार का राज है वो यह है की नेहरू तेरे राज में गढ़हे चुरमा खाए. हम सब सचाई का साथ देता है इश्लीए हम सब आपके साथ है
ओजपूर्ण आलेख के लिए आभार।
ReplyDeleteआप का कम कठिन हैं ओर बहुत गंभीर हैं. आप को शुभ कामनाए
असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो
ReplyDeleteक्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष करो मैदान छोड़ न भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
nice coats.........thanks....
बेहतरीन आलेख |बधाई |
ReplyDeleteबहुत सारगर्भित आलेख...आभार
ReplyDeleteबहुत इस उपयोगी एंव ज्ञानवर्धन जानकारी दी है आपने, साथ ही बहुत ही सुन्दर तरीके से विश्लेषण भी किया है. वक्त रहते उपरोक्त बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए!!!
ReplyDeleteइस भ्रष्ट सरकार को अपने किये पर कोई शर्म नहीं है|
ReplyDeleteओजपूर्ण आलेख के लिए आभार।
शायद कल अन्ना या उनके सहयोगी रहे या ना रहे ,पर अन्ना का संदेश और उनके विचार हमेशा रहेगे
ReplyDeleteबेहतरीन आलेख |बधाई |
sarthakta purn aalekh k liye badhai madan ji........
ReplyDeleteमहेंद्र वर्मा जी, पूनम सिंह जी, शिवशंकर जी तथा अंकुर शाह जी मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteआशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ........
प्रभा गौतम जी, डा शारदा सिंह जी , पुनीता सरन जी, प्रतिमा तिवारी जी तथा अजय तलवारजी मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteआशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..........
वीना सक्सेना जी, वीरेंदर जी, दिवस गौर जी, दिव्या जी तथा वीरू भाई मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteआशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..........
वर्ज्य नारी स्वर , अमृता तन्मय जी, विकास वर्मा जी, राधे श्यामजी तथा संजय मेहता जी मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteआशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा .........
अर्पिता जी, अर्चना जौहरी जी, कैलाश शर्मा जी, रामाशीष आर्य जी तथा नन्द लाल जी मेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteआशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा ..........
रजनी मल्होत्रा नैय्यरजीमेरे ब्लॉग पर आने और टिप्पणी दे कर हौसला आफजाई के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteआशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही निरंतर प्राप्त होता रहेगा .........
accha hai madan ji janta jag chuki hai
ReplyDeletewastav me yahi loktantra hai
anna jaise log loktantra ko majboot kerte hai
,thanks achha lekh
touching and sensitive expressions....
ReplyDeleteप्रिय मदन भाई बहुत सुन्दर मै भी आप के साथ इनके झंडे के नीचे खड़ा हूँ और नमन करता हुआ आग्रह करता हूँ की सब एक जुट हो अच्छाइयों को पूजें -समर्थन दें - जोश भरें नहीं डरें- कायर न बने .....फिर ये जहाँ हमारा है
ReplyDeleteसुन्दर लेख बधाई
आभार
भ्रमर ५
आइए हम देश से भ्रष्टाचार समाप्त करने का संकल्प करें हम अन्ना जी का ये अनसन कभी नही भूल पाएँगे . आज उनके प्रयास और विश्वास के कारण पूरे देश को एक नयी सोच और दिशा मिली है . उन्होने जनलोकपाल बिल पास करा के देश से भ्रस्टचार कम करने की जो पहल की है वह अतुल्य है. पूरे संसार मे अन्ना जी जैसे विभूति का मिल पाना मुश्किल है
मै अन्ना जी क़ो पूरे सम्मान से सलाम क़रता हु अन्ना जी ने दिखा दिया क़ी सारे भारतवासी एक़जुट है चाहे वो भृष्टाचार क़ा मामला हो या देश क़ी सुरक्षा क़ा अन्ना जी आपक़ो तहे दिल से सलाम. इन महान इंसान के पावन चरनो मे मेरा सत् - सत् नमन्
आलोक मोहन जी एक लम्बे अंतराल के बाद यहाँ आने के लिए आप का हार्दिक धन्यवाद आप जैसे लोगो से ही मेरे विचारों को ताकत मिलती है धन्यवाद
ReplyDeleteडा वर्षा सिंह जी तथा शुक्ल जी यहाँ आने के लिए आप का धन्यवाद
ReplyDeleteआप सब भी अच्छा कार्य कर रहे है बस आज जरुरत है हमें मिल के साथ चलने की, एक विचार होने की,
आप जैसे लोगो से ही मेरे विचारों को ताकत मिलती है धन्यवाद !!!
aadarniy sir
ReplyDeleteaapki yah post bina ruke pura ek saath hi padh gai
bahut hi yatharth prstuti karan kiya hai aapne
ek bhavpurn avam tan man ko jhakjhor dene wali post
bahut hi badhiya abhivykti
badhai
poonam
मदन जी आपकी पोस्ट मौजू है ,प्रेरक है आपके कहे हर लफ्ज़ से सहमत !
ReplyDeleteराजनीति में प्रदूषण पर्व है ये पर्युषण पर्व नहीं .
कबीरा खडा़ बाज़ार में