( गूगल देवता से साभार )
'तदेजति तन्नेजति तददूरिके तद्वन्तिके |
तदन्तरस्य सर्वस्य तदू सर्वस्यास्य बाह्यतः ||
यजुर्वेद अ. ४०
वह परमात्मा सारे संसार को गति देता है किन्तु स्वयं गति शून्य है ,अचल है | वह दूर भी है और समीप भी है | वही सारे संसार में अणु - परमाणु के अन्दर भी है और बाहर भी है |
'भ्रष्टाचार' तथा काला धन देश की सबसे बड़ी समस्या है| यह एक ऐसी समस्या है, जिसे हमने न चाहते हुये भी शासन-प्रणाली और जन-जीवन का एक अनिवार्य अंग मान लिया है| जिस देश में लोगों द्वारा चुने गये प्रतिनिधि ही लोगों का पैसा खाने के लिये तैयार बैठे हों, वहाँ किससे गुहार लगाईं जाए ?
भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये जनता को और अधिक जागरुक बनना होगा और शुरुआत खुद से करनी होगी| बात-बात में सरकार को कोसने से काम नहीं चलेगा| जब हम खुद रिश्वत देने को तैयार रहेंगे तो सरकार क्या कर लेगी ?
हमें रिश्वत देना बन्द करना होगा, हमें हर स्तर पर ग़लत बात का विरोध करना होगा| ज़रूरत है तो उस हिम्मत की जिससे हम भ्रष्टाचार तथा काला धन रूपी दानव से लड़ सकें……..
अब तो हमें भ्रष्टाचार से लड़ना ही होगा अन्यथा आने वाली पीढ़ी को शायद हम जबाब ना दे सकें |
एकजुट होकर हमें जन लोकपाल बिल के समर्थन में सत्याग्रह करना चाहिए जिसके पारित होने पर भ्रष्टाचार पर निश्चित ही अंकुश लगेगा|
आदरणीय अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन का हम हरसंभव समर्थन करें यही हमारी लड़ाई की शुरुआत होगी|
एकजुट होकर हमें जन लोकपाल बिल के समर्थन में सत्याग्रह करना चाहिए जिसके पारित होने पर भ्रष्टाचार पर निश्चित ही अंकुश लगेगा|
आदरणीय अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन का हम हरसंभव समर्थन करें यही हमारी लड़ाई की शुरुआत होगी|
सत्य मेव जयते …..!!
खामोश ये जहान है ,
खामोश ये अरमान है
मत समझो इसे कायरता ,
ये तो प्रलय का अवसान है
तीर है ना तलवार है
अहिंसा ही हथियार है
कितना ही जुल्म करो जालिम
हम ना रुकने को तैयार हैं
वीर कभी रुके नहीं
वीर कभी झुके नहीं
कितना भी क्यों ना वार हो
दिल से कभी टूटे नहीं
सत्य का असत्य से
हो रहा मुकाबला
सत्य के प्रहार से
असत्य कब तक बचेगा भला
वीर ना निराश हो
मन में रख हौसला
परिवर्तन की आंधी में
कब किसका है जोर चला
आंधी हो या तूफ़ान हो
तुम देश के नौ जवान हो
डर के पीछे मुड़ना नहीं
चाहे जोखिम में क्यों ना जान हो
तख़्त ताज की ना चाह है
कांटो भरी यह राह है
अपना बस यही अरमान हो
अपना देश सत्य शील में महान हो
यह जन्म हुवा किस अर्थ अहो
देखें फिर से यह व्यर्थ ना हो
छल बल तोड़ के आगे बढ़
शकुनी फिर से समर्थ ना हो
एक शकुनी कब का चला गया
अब नव शकुनियों की बहार है,
देखो बिछ चुका चौसर
गीदड़ भर रहा कैसा हुंकार है
आगे बढ़ अब हाथ मिला
मत बन अब तू मूढ़ मते
दसों दिशाएँ उद्घोष उठे
सत्य मेव जयते …..!!
उम्मीद तो यही है
ReplyDeleteसत्य का असत्य से
ReplyDeleteहो रहा मुकाबला
सत्य के प्रहार से
असत्य कब तक बचेगा भला
हर पंक्ति सटीक है..... अर्थपूर्ण है ... ओज के भाव लिए समसामयिक सोच को परिलक्षित करती रचना
कोई कितना भी दमन कर ले। लेकिन जन-चेतना की बाढ़ को अब रोका नहीं जा सकता। सत्य की विजय होकर ही रहती है। ओजमयी पंक्तियों के लिए आभार। सत्यमेव जयते !
ReplyDeleteबहुत ओजपूर्ण रचना ...
ReplyDeleteभ्रष्टाचार का मुद्दा आज..कल पूरे ब्लोगर जगत में छाया हुआ है
ReplyDeleteआपको आपकी लेखनी के लिए शुभकामनाएं
मत समझो इसे कायरता ,
ReplyDeleteये तो प्रलय का अवसान है...
शुरुवात तो हमे खुद से करनी होगी मगर एक प्रश्न है??
जयललिता ने चुनाव के समय सबको मुफ्त २५ किलोग्राम चावल महीने के देने की घोषणा की ...और लोगो ने उन्हें वोट दिया ..जाहिर है इसकी रिकवरी भी भ्रष्टाचार से ही होगी..मगर एक मनुष्य जो भुखमरी से मर रहा है उसके लिए वो देवी बन गयी...
कैसे वो गरीब ब्यक्ति खुद से शुरुवात करे...??
भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये जनता को और अधिक जागरुक बनना होगा और शुरुआत खुद से करनी होगी.......
ReplyDeleteमैं आपके विचारों से सहमत हूँ... कोशिश तो की ही जा सकती है.. भ्रष्टाचार अपनी जड़ें बहुत मजबूत कर चुका है इसे उखाड़ने के लिए भी उतनी ही ताकत लगानी पड़ेगी... बहुत अच्छे विचार... ओजपूर्ण कविता के लिए आभार....
बहुत ओजपूर्ण रचना ...आभार....
ReplyDeletesundar aur saarthak rachanaa
ReplyDeleteबाबा रामदेव की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि वह अन्ना हजारे के इस आंदोलन में पूरी तरह उनके साथ होंगे। रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बाबा रामदेव का पूरा समर्थन रहेगा इस आंदोलन को। वह इस आंदोलन में अन्ना का साथ देने के लिए खुद तो दिल्ली जाएंगे ही, उनके सारे समर्थक भी इस आंदोलन में पूरी ताकत से शामिल होंगे
ReplyDeleteआदरणीय मदन शर्मा जी मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूँ| भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आमजन का भी सहयोग चाहिए| अपने दैनिक जीवन में हम भ्रष्ट हो चुके हैं| जब तक हम इस भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं होंगे देश भी मुक्त नहीं हो सकेगा|
ReplyDeleteवन्देमातरम्...
सत्यमेव जयते...
जबरदस्त हुंकार है ,आह्वाहन है,ओज है आपकी इस रचना में. .अब नहीं जागेगा तो कब?
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी एवं भावपूर्ण काव्यपंक्तियों के लिए कोटिश: बधाई !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सशक्त प्रस्तुति!
ReplyDeleteजब हम गलत सोच रखते हैं तो वैचारिक भ्रष्टाचार करते है.जब हम गलत व्यवहार करते हैं तो व्यवहारिक भ्रष्टाचार करते हैं.जब हम शरीर का कुपोषण करते हैं तो दैहिक भ्रष्टाचार करते हैं.जब हम नियमों ओर क़ानून का उलंघन करते हैं तो वैधिक अत्याचार करते हैं.आदि आदि..
ReplyDeleteभ्रष्टाचार के सभी आयामों पर हमें विजय पाने की कोशिश करनी चाहिये.
आपकी रचना ओजपूर्ण ओर चेतना जगानेवाली है.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
मेरा यूरोप का टूर अच्छा रहा.आठ देशों को थोडा थोडा देखने का मौका मिला.
यू.के.,हालैंड,बेल्जियम,फ्रांस,जर्मनी,स्विजरलैंड,इटली
ओर वैटिकन सिटी.इन सभी देशों में सबसे अधिक सुन्दर स्विजरलैंड
है.सड़कें,सफाई ओर यातायात व्यवस्था हमारे देश के मुकाबले अति उत्तम हैं.इसके लिए हमे भी सबक लेना चाहिये.
सुन्दर सन्देश देती रचना.
ReplyDeleteसुन्दर रचना पढ़वाने के लिए आभार!
ReplyDeleteजिस भ्रष्टाचार के बारे मे राजनेता कहा करते थे कि इस मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा जा ***ता है उसी मुद्दे पर देश में चर्चा शुरू हो गई है और बच्चा और बूढ़ा, दुकानदार और विद्वान सभी बहस कर रहे हैं। और अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल बन जाए तो सत्ता प्रतिष्ठान और फायदा कमाने वालों का परेशान होना लाजिमी ही है। ऐसे मे 'ये-परेशान' लोग चरित्र हनन तो करेंगे ही, पूरे आंदोलन को खतरनाक भी बताएंगे। तर्क दे रहे हैं कि आंदोलन विचारधाराविहीन है, गैरलोकतांत्रिक है और संगठनहीन है इसलिए खतरनाक है।
ReplyDeleteजिस भ्रष्टाचार के बारे मे राजनेता कहा करते थे कि इस मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा जा ***ता है उसी मुद्दे पर देश में चर्चा शुरू हो गई है और बच्चा और बूढ़ा, दुकानदार और विद्वान सभी बहस कर रहे हैं। और अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल बन जाए तो सत्ता प्रतिष्ठान और फायदा कमाने वालों का परेशान होना लाजिमी ही है। ऐसे मे 'ये-परेशान' लोग चरित्र हनन तो करेंगे ही, पूरे आंदोलन को खतरनाक भी बताएंगे। तर्क दे रहे हैं कि आंदोलन विचारधाराविहीन है, गैरलोकतांत्रिक है और संगठनहीन है इसलिए खतरनाक है।
ReplyDeleteबाबा रामदॆव या अन्ना हजारॆ कि आलॊचना करना ज्यादा सरल है.लॆकिन् व्यापक दॆश् हित् मॆ उनकॆ साथ्खडॆ हॊना कठिन् है.सच तॊ यह् है कि आध्यात्म्,यॊग् और् धर्म् सॆ जुडॆ अधिकतर बाबा/गुरु इहलॊक औरपरलॊक,कर्मफल,प्रारब्ध् आदि कॆ रहस्यलॊक मॆ हमॆ उलझा कर,सत्ता कॆ लियॆ जैसॆ एक् सॆफ्टी वाल्व् काकाम करतॆ है.वॆ हमॆ उन् प्रश्नॊ सॆ भटकातॆ है.
ReplyDeleteकाला धन के खिलाफ बाबा रामदेव का अभियान'रामदॆव की यॊग छमता कॊ लॆकर सवाल खडॆ करनॆ वालॆ. सत्ता कॆ शिखर पर बैठॆ राजनॆताऒ की निति और् नियत पर सवाल क्यॊ नही खडॆ करतॆ?
ये दिग्गी एंड कंपनी बाबा रामदेव से इतनी डरी हुई क्यों है। तू बाबा की सम्पति जब्त कर ***ता है लेकिन तुम्हें क्या लगता नीच, इससे तू अपना काला धन बचा लेगा। तू भ्रष्टाचारिओं के सम्पति को जब्त क्यों नहीं करना चाहता जरा ये भी जनता को बता।
ReplyDeleteदिग्विजय सिंह की रणनीति कांग्रेस की पुरानी रणनीति से अलग नहीं है. वे मुसलमानों को हिंदुओं का भय दिखाकर वोट हासिल करना चाहते हैं. अगर वे सच्चे हैं तो सच्चर कमेटी की सिफारिशें क्यों नहीं लागू कराते?
ReplyDeleteपुज्य बाबा रामदॆव कालॆधन वालॆ दानवॊ कॆ लियॆ महाकाल है 4 जुन 2011 कॊ सच्चा भारतवासी कभी नही भूलॆगा
ReplyDeleteआदरणीय मदन जी नमस्ते !
ReplyDeleteआपने बहुत सही लिखा है हमें अन्ना का साथ देना चाहिए ! राम देव जी से भी बहुत उम्मीद थी किन्तु उनने तो निराश ही किया है | उनको भागना नहीं चाहिए था ........
आदरणीय मदन जी नमस्ते !
ReplyDeleteआपने बहुत सही लिखा है हमें अन्ना का साथ देना चाहिए ! राम देव जी से भी बहुत उम्मीद थी किन्तु उनने तो निराश ही किया है | उनको भागना नहीं चाहिए था ........
आदरणीय मदन जी नमस्ते !
ReplyDeleteआपने बहुत सही लिखा है हमें अन्ना का साथ देना चाहिए ! राम देव जी से भी बहुत उम्मीद थी किन्तु उनने तो निराश ही किया है | उनको भागना नहीं चाहिए था ........
आदरणीय मदन जी नमस्ते !
ReplyDeleteआपने बहुत सही लिखा है हमें अन्ना का साथ देना चाहिए ! राम देव जी से भी बहुत उम्मीद थी किन्तु उनने तो निराश ही किया है | उनको भागना नहीं चाहिए था .......
आज देश मे बच्चे बच्चे की जुबान पर भ्रष्टाचार का जिकर है, यानि बाबा जी ने तो अपना काम कर दिया, दॆशवासियो का बाकी है बाबा जी का काम देश को जगाना था जगा दिया
ReplyDeleteहिन्द दॆश कॆ निवासी सब जन एक है.अन्ना हजारे आगॆ बढॊ!
जन जागृति पूर्ण ओज कविता ! भ्रष्टाचार आधुनिकता का पर्याय बन चुका है !
ReplyDeleteजन जागृति के लिये बहुत ओजपूर्ण और प्रेरक आह्वान...आज सब को मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना होगा..
ReplyDeletenice post!
ReplyDeleteरिश्वत के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हो जाएं। या तो अभी, या फिर कभी नहीं।
ReplyDeleteकृपया भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाएँ और किसी भी प्रकार के राजनीतिक भड़कए मे ना आएँ , भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ को सरकार के द्वारा दबाने / कुचलने के लिए कोई भी शड्यंत्रा बनाया जा सकता है किन्तू आज ज़रूरत है प्रत्येक आम आदमी को खड़े हो जाने की |
ReplyDeleteसत्य का असत्य से
ReplyDeleteहो रहा मुकाबला
सत्य के प्रहार से
असत्य कब तक बचेगा भला
जबरदस्त हुंकार है ,आह्वाहन है,ओज है आपकी इस रचना में. ...
देश की जनता संकटों की ओर जा रही है इसके लिए सब को तेयार रहना चाहिए | कृपया भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाएँ और किसी भी प्रकार के राजनीतिक भड़कए मे ना आएँ , भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ को सरकार के द्वारा दबाने / कुचलने के लिए कोई भी शड्यंत्रा बनाया जा सकता है किन्तू आज ज़रूरत है प्रत्येक आम आदमी को खड़े हो जाने की |
क़ानून एक जुर्म की दो सज़ा रखता है. या तो जेल जाओ या जुर्माना भरो..... ओके फाइन, मै जुर्माना भर देता हूँ, हो गई ना सज़ा पूरी!! मेरे पास पैसा है सो मै दूसरीविकल्प चुनूँगा. जिसके पास पैसा नही है वो जेल जाएगा शायद यही कारण है कि ग़रीब आदमी फिर भी क़ानून से डरता है पर पैसे वाला नही डरता क्योंकि तकलीफ़ वाली सज़ा से वो बच सकता है और ये बचाव की विकल्प उसे क़ानून ने ही दिया है.
ReplyDeleteसज़ा एक ही होनी चाहिए, अमीर हो या ग़रीब, नेता हो या अभिनेता... जुर्म करो तो सिर्फ़ और सिर्फ़ जेल मिलेगी. फिर देखो सभी क़ानून का पालन करेगें, नियमो का पालन करेगें.
मदन शर्मा जी ऐसे आर्टिकल लिखते रहना.... ये एक सोच को जनम देते है और सोच ही बदलाव लाती है. जय हो
एक शकुनी कब का चला गया
ReplyDeleteअब नव शकुनियों की बहार है,
देखो बिछ चुका चौसर
गीदड़ भर रहा कैसा हुंकार है
आगे बढ़ अब हाथ मिला
मत बन अब तू मूढ़ मते
दसों दिशाएँ उद्घोष उठे
सत्य मेव जयते …..!!
सुन्दर सन्देश देती रचना
आपने बहुत सही लिखा है हमें अन्ना का साथ देना चाहिए !
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ReplyDeleteएक शकुनी कब का चला गया
ReplyDeleteअब नव शकुनियों की बहार है,
देखो बिछ चुका चौसर
गीदड़ भर रहा कैसा हुंकार है
सच्चाई को व्यक्त करती हुई कविता के लिए बधाई !
हमें सत्ता के शकुनिओं से बच के चलने की जरुरत है....
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ReplyDeleteमहोदय आपके लेख के लिए जितना धन्याबाद दिया जावे उतना कम है पर दुख तो यह है कि इसे पढ़ने वालो की संख्या बहुत कम है इसलिए बहुत ही कम लोगो तक यह संदेश जा पायगा
ReplyDeleteमदनजी, यह पंक्तियाँ वाकई में जोशपूर्ण लगीं.. आभार
ReplyDeleteइतनी सुन्दर प्रस्तुति के लिये बधाई और शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteमदन शर्मा जी, नमस्कार....आपके ब्लॉग में आकर अच्छा लगा, आप यूँ ही लिखते रहें, ईश्वर से कामना है, आभार.
ReplyDeleteसत्य का असत्य से
ReplyDeleteहो रहा मुकाबला
सत्य के प्रहार से
असत्य कब तक बचेगा भला
बहुत सुंदर .... सच्ची और अच्छी अभिव्यक्ति.... बेहतरीन
बिल्कुल आपके मत से सहमत ! हमे सचेत रहना ही होगा ,अगर हम सचेत है तो कोई हमारा हक नही मार सकता.
ReplyDeleteरचना और आवाहन दोनों जोश भरने वाले .बूँद बूँद सो भरे सरोवर निराशा कैसी ?
ReplyDeleteएक अन्ना और एक बाबा कुछ नही कर सकते और लोक पल बिल भी धारा ही रह जाएगा जब तक हम अपने आप को ऐसे सिस्टम और भरसटचार के खिलाफ लड़ेंगे नही,.........................
ReplyDeleteमदन शर्मा जी ऐसे आर्टिकल लिखते रहना.... ये एक सोच को जनम देते है और सोच ही बदलाव लाती है. जय हो
ReplyDeleteSIR,
ReplyDeleteVERY BEAUTIFUL ARTICLE....
BUT I AM SORRY TO WRITE, ITS COMPLETE WASTE OF TIME FOR ALL OF US IF WE ALL KEEP TALKING ONLY ABOUT "BHRASHTACHAR""BHRASHTACHAR".....
ABHI NISHCHINT RAHIYE....
SIRF KAHNE AUR LIKHNE SE KUCH NAHI HOGA....
JAB AAM AADMI APNI JIMMEDARI APNE AAP SAMAJHA LEGA SAB THIK HO JAYEGA...
बढिया, अलख जगाए रखिए।
ReplyDeleteबहुत सार्थक आह्वान किया है आपने....
ReplyDeleteआज हर ईमानदार भारतवासी का यही संकल्प होना चाहिए ....अपने राष्ट्र को भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए इस लड़ाई में आगे आना होगा ....
आदरणीय मदन शर्मा जी नमस्ते !
ReplyDeleteआज की स्थिति में एक सार्थक कविता कृपया इसका प्रवाह टूटना नहीं चाहिए |
आदरणीय मदन शर्मा जी नमस्ते !
ReplyDeleteआज की स्थिति में एक सार्थक कविता कृपया इसका प्रवाह टूटना नहीं चाहिए |
आदरणीय मदन शर्मा जी नमस्ते !
ReplyDeleteआज की स्थिति में एक सार्थक कविता कृपया इसका प्रवाह टूटना नहीं चाहिए |
भ्रष्टाचार का मुद्दा आज..कल पूरे ब्लोगर जगत में छाया हुआ है
ReplyDeleteआपको आपकी लेखनी के लिए शुभकामनाएं !
बाबा रामदॆव या अन्ना हजारॆ कि आलॊचना करना ज्यादा सरल है.लॆकिन् व्यापक दॆश् हित् मॆ उनकॆ साथ्खडॆ हॊना कठिन् है.सच तॊ यह् है कि आध्यात्म्,यॊग् और् धर्म् सॆ जुडॆ अधिकतर बाबा/गुरु इहलॊक औरपरलॊक,कर्मफल,प्रारब्ध् आदि कॆ रहस्यलॊक मॆ हमॆ उलझा कर,सत्ता कॆ लियॆ जैसॆ एक् सॆफ्टी वाल्व् काकाम करतॆ है.वॆ हमॆ उन् प्रश्नॊ सॆ भटकातॆ है.
ReplyDeleteप्रिय मदन भाई ,
ReplyDeleteआपके सुन्दर विचार आजकल 'दिव्या जी' के ब्लॉग पर पढकर बहुत आनंद आ रहा है.आपका सत्यान्वेषण के प्रति समर्पण सराहनीय है.
मत समझो इसे कायरता ,
ReplyDeleteये तो प्रलय का अवसान है...
शुरुवात तो हमे खुद से करनी होगी
मैं आपके विचारों से सहमत हूँ... कोशिश तो की ही जा सकती है.. भ्रष्टाचार अपनी जड़ें बहुत मजबूत कर चुका है इसे उखाड़ने के लिए भी उतनी ही ताकत लगानी पड़ेगी... बहुत अच्छे विचार...
कांग्रेस के दिन गये इसलिए जो बचे हुए दिन है संभल कर पार करले क्योकि जनता अब जाग गई है और किसी दिन जनता को गुस्सा आ गया ... तो कहते है जिसका कोई नही उसका तो खुदा है यारो, ... तुम्हारा तो खुदा भी नही होगा.
ReplyDeleteबड़े दांव बड़ी कुर्बानी चाहते हैं और क्रांति अपने हिस्से की बलि लेती है। क्या भारत का उद्धार करने चले बाबा को इस बात का अहसास था? शायद नहीं, वरना वह उस हमले के लिए तैयार होते और इस डर से हारकर महिलाओं के कपड़े पहनकर पिछले दरवाजे से निकल जाने की कोशिश नहीं करते कि पुलिस उन्हें एनकाउंटर में मार डालेगी।
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ReplyDeleteकॉंग्रेसी और बाबा के विरोधी जो भी कहें या उन पर आरोप लाएँ इतना तो साफ है की कांग्रेस ने देश का पैसे काला धन बाहर ले जाने में मदद किया है तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है. यही कारण है की कांग्रेस की बातें कोई सुनने को तैयार नही है. कांग्रेस ग़लत सोचती है की बाबा को बदनाम करने से जनता का ध्यान भटकेगा. काला धन देश को कब और कैसे मिलेगा इस पर कांग्रेस का मुँह खुलता ही नहीं है.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिखा है अपने उम्मीद है आगे भी ऐसा ही लिखते रहेंगे! आगे यह भी कहना च्जहुँगा की जनता को भी सोचने की ज़रूरत है जनता को रामदेव जी का साथ देना चाहिए क्योंकि वो हमरे लिए ही लड़ रहे हैं रामदेव जी का भी निजी स्वार्थ जुड़ा हुआ है लेकिन वो एक सार्थक मुद्दा उठा रहे हैं हमे उनका साथ देना चाहिए!
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ReplyDeleteआगे बढ़ अब हाथ मिला
ReplyDeleteमत बन अब तू मूढ़ मते
दसों दिशाएँ उद्घोष उठे
सत्य मेव जयते …..!!
आपने काफ़ी सही लिखा है आदरणीय अन्ना हजारे जी का प्रयास सराहनिए है. अतः हमे उनका आगे भी साथ देना चाहिए
आदरणीय मदन भ्राता श्री हुंकारती फुफकारती गजब की सन्देश देती ये रचना आप की - मजा आ गया -काश इसे देख उन का दिमाग कुछ सुन्न हो -
ReplyDeleteबधाई और शुभ कामनाएं -कुछ और नया पढ़ाइये
शुक्ल भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण
तीर है ना तलवार है
अहिंसा ही हथियार है
कितना ही जुल्म करो जालिम
हम ना रुकने को तैयार हैं
मदनजी, यह पंक्तियाँ वाकई में जोशपूर्ण लगीं.. आभार
ReplyDeleteये लड़ाई सभी सच्चे हिंदुस्तानिओं क़ि है ये सिर्फ स्वामी रामदेव जी और अन्ना हजारे क़ि लड़ाई नहीं अपितु हम सभी के लिए है अगर इस समय हमने साथ नहीं दिया तो ये देश तो बिक जायेगा फिर रोने से कुछ हासिल होगा, अगर देखा जाये तो ये आन्दोलन आम जनता के लिए है न क़ि अन्ना और स्वामी रदेव जी के लिए
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ReplyDeleteati sundar prayaas!
ReplyDeleteमदनजी, यह पंक्तियाँ वाकई में जोशपूर्ण लगीं.. आभार
ReplyDeleteआपका सत्यान्वेषण के प्रति समर्पण सराहनीय है.
मदन जी नमस्कार -
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख लिखा आपने । ढेरों जानकारी मिल गयी !
आभार!
सच ... बहुत ही सार्थक लेखन ... आज के दौर का सफल चित्रण है ये रचना ...
ReplyDeleteविचारोत्तेजक रचना .
ReplyDeleteआपने काफ़ी सही लिखा है आदरणीय अन्ना हजारे जी का प्रयास सराहनिए है. अतः हमे उनका आगे भी साथ देना चाहिए
ReplyDeleteबेमिशाल रचना ....
ReplyDeleteबड़ी गहरी और सामयिक बात कह दी आपने।
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